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ED Raid in Chhattisgarh: दो दिन पूर्व छापामार कार्रवाई में ईडी का बड़ा खुलासा, 175 करोड़ रुपए की दी गई रिश्वत

ED Raid in Chhattisgarh: प्रदेश में पिछले 20 और 21 अक्टूबर को रायपुर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में ईडी ने छापामार कार्रवाई की थी।

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Agnesh Parashar
ED Raid in Chhattisgarh: दो दिन पूर्व छापामार कार्रवाई में ईडी का बड़ा खुलासा, 175 करोड़ रुपए की दी गई रिश्वत

ED Raid in Chhattisgarh: प्रदेश में पिछले 20 और 21 अक्टूबर को रायपुर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में ईडी ने छापामार कार्रवाई की थी।

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इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने एक करोड़ से अधिक की राशि सहित कुछ दस्तावेजों को भी बरामद किया था।

इन जगहों पर हुई थी छापामार कार्रकाई

ईडी ने चावल घोटाले में बरती गई वित्तीय अनियमताओं के आरोप में ये कार्रवाई की थी।

मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी ने राइस मिलरों, साथ ही विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) के पूर्व एमडी के यहां पर ईडी की टीम ने दबिश दी।

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वहीं ईडी ने राज्य के राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष और पदाधिकारियों के ठिकानों पर भी छापामार कार्रवाई की थी।

ईडी ने आज जारी किया बयान

ईडी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि उसने आयकर विभाग की शिकायत पर ये कार्रवाई की है।

इस दौरान प्रमुख रुप से टीम ने कस्टम राइस मिलिंग और विशेष प्रोत्साहन राशि में हुई गड़बड़ी की जांच की है।

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बताया गया है कि प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी के बाद से 40 रुपए की जगह 120 रुपये क्विंटल के हिसाब से 500 करोड़ का भुगतान किया गया है।

175 करोड़ रुपए रिश्वत की बात आई सामने

मार्कफेड एमडी ने केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिलों को भुगतान की मंजूरी दी, जिन्होंने नगद राशि का भुगतान किया।

175 करोड़ रुपए की रिश्वत मिली, जिसे रोशन चंद्राकर ने मार्कफेड एमडी की मदद से हासिल किया है।

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दो किस्तों में किया गया भुगतान

धान की कस्टम मिलिंग के लिए मिलर और बाद में इसमें अत्यधिक वृद्धि से 120 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किस्तों में किया गया।

रोशन चंद्राकर के नेतृत्व में मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के सहयोग से रिश्वत की रकम एकत्र करना शुरू किया गया था।

संबंधित जिला विपणन अधिकारी (डीएमओ) से बिल प्राप्त होने पर जिले से प्राप्त विवरण की जांच में यह सामने आया कि केवल उन्हीं मिलर के बिल जारी किए गए, जिन्होंने राशि दी थी।

एसोसिएशन को भुगतान के लिए एमडी मार्कफेड ने मंजूरी दी थी।

इस तरह से हुआ चावल घोटाला

ईडी ने बताया है कि राज्य में आयकर विभाग ने आरोप लगाया था कि बड़े पैमाने पर चावल घोटाला हुआ है, जिसमें राइस मिलर समेत राज्य विपणन के अधिकारियों की सांठगाठं भी सामने आई है।

ईडी ने खुलासा किया है मार्कफेड ने विशेष प्रोत्साहन राशि के जरिए करोड़ों रुपए की रिश्वत ली है।

जांच में यह भी सामने आया है कि साल 2021-22 तक प्रोत्साहन राशि 40 रुपए प्रति क्विंटल ही दी जा रही थी। बाद में इसे बढ़ाया गया।

BJP नेता यहां भी ईडी ने दी दबिश

कोरबा जिले के वरिष्ठ बीजेपी नेता और व्यवसायी गोपाल मोदी के घर पर भी ED का छापा पड़ा था।

गोपाल मोदी वर्तमान में बीजेपी के जिला कोषाध्यक्ष हैं। वो राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

कोरबा शहर में गोपाल मोदी पेट्रोल पंप और चित्रा टॉकीज के मालिक हैं। वे 4 राइस मिलों के भी मालिक हैं।

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