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हाइलाइट्स
- मोनाड यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री रैकेट पर ईडी की छापेमारी
- उन्नाव और लखनऊ के कॉलेजों पर भी ईडी का बड़ा एक्शन
- जांच में ₹22 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा
रिपोर्ट - अनुराज भार्ती
Unnao ED Raid: उत्तर प्रदेश में शिक्षा जगत को हिला देने वाला बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। Enforcement Directorate (ED) ने Monad University Fake Degree Case में गुरुवार को उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। हापुड़ की Monad University पर आरोप है कि उसने पिछले कई वर्षों से फर्जी डिग्री और मार्कशीट (Fake Degree and Marksheet Scam) बेचने का बड़ा रैकेट चला रखा था।
ईडी की इस कार्रवाई ने Fake Degree Racket in Uttar Pradesh का पूरा नेटवर्क सामने ला दिया है। जांच में पता चला है कि मोनाड यूनिवर्सिटी ने मेडिकल, इंजीनियरिंग और एमबीए जैसी प्रोफेशनल डिग्रियां फर्जी तरीके से छात्रों को बेचकर करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की।
ED Action on Monad University
ED Raid in Uttar Pradesh के तहत ईडी ने न सिर्फ हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी पर छापा मारा, बल्कि Unnao Saraswati Medical College और लखनऊ के गोमतीनगर स्थित सरस्वती कॉलेज के प्रिंसिपल अखिलेश मौर्य के आवास पर भी छापेमारी की। ईडी की अलग-अलग टीमों ने गाजियाबाद, नोएडा और अन्य जिलों में भी रेड की।
Saraswati Medical College Unnao में ED की बड़ी कार्रवाई
उन्नाव के सोहरामऊ क्षेत्र में कानपुर-लखनऊ हाईवे पर स्थित Saraswati Medical College में ईडी की टीम तीन गाड़ियों में पहुंची और पूरे कैंपस को घेर लिया। कॉलेज की इमरजेंसी सेवा को छोड़कर बाकी सभी विभागों में प्रवेश पर रोक लगा दी गई।
ईडी अधिकारियों ने Principal Dr. R.L. Srivastava समेत सभी स्टाफ के मोबाइल फोन जब्त कर लिए। अकाउंटेंट, मैनेजर और आईटी विभाग के कंप्यूटर सीज किए गए और Server Room Seal कर दिया गया। कैंपस की सुरक्षा के लिए CRPF जवानों की तैनाती की गई।
Monad University Fake Degree Racket 2023 से सक्रिय
ईडी की जांच में सामने आया है कि यह Fake Degree Scam साल 2023 से सक्रिय था। मोनाड यूनिवर्सिटी में ऐसे छात्रों को फर्जी डिग्रियां दी जा रही थीं जो अन्य विश्वविद्यालयों से फेल हो चुके थे।
रैकेट के सरगना छात्रों से ₹50,000 से ₹2 लाख तक वसूलते थे। WhatsApp से दस्तावेज लेकर फर्जी डिग्री और मार्कशीट तैयार की जाती थी और UPI या नकद भुगतान के बाद 2 दिन के भीतर Courier के जरिए भेज दी जाती थी।
STF और Income Tax की जांच में बड़ा खुलासा
Uttar Pradesh STF Investigation में खुलासा हुआ था कि पांच वर्षों में इस Fake Degree Business से लगभग ₹18 से ₹22 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई।
एसटीएफ ने उस समय यूनिवर्सिटी के Chairman Vijendra Singh Hooda, Pro-Chancellor Nitin Kumar Singh और दस अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें Sunny Kashyap, Kuldeep, Vipul Chaudhary, Imran और Sandeep Kumar शामिल थे — जो नकली डिग्री और मार्कशीट बनाने में सीधे शामिल थे। अब Income Tax Department भी इस अवैध कमाई के अंतिम ठिकाने की तलाश कर रहा है।
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