Asna Cyclone: बीते सात दिनों से मूसलाधार बारिश ने गुजरात के निवासियों को परेशान कर रखा है। कच्छ की तरफ बढ़ रहा असना साइक्लोन अब पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरफ मुड़ गया है। इससे पहले आशंका जताई जा रही थी कि 31 अगस्त तक असना साइक्लोन गुजरात के तटों पर टकराएंगे, लेकिन तूफान का घेराव अब सौराष्ट्र- कच्छ के तटीय इलाकों तक है। इसके चलते यहां पर तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का अलर्ट जारी किया हुआ है।
वहीं, मानसून में दो हफ्तों में लगातार दो सिस्टम बनने से मौसमी हलचल भी तेज हो गई है। पिछले सप्ताह बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम भी पूर्वी तट में दाखिल हुआ और ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात से होते हुए शुक्रवार को अरब सागर को छूते ही समुद्री तूफान असना में बदल गया था। हालांकि, धीरे-धीरे यह कमजोर होता नजर आ रहा है और अब भारत से दूर जाता नजर आ रहा है।
भोपाल संभाग में दिखेगा असर
असना तूफान (Asna Cyclone) भारत की सीमा से दूर जा रहा है, जिसका असर अधिक देखने को नहीं मिला है। वहीं, दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का एक और क्षेत्र बन रहा है। यह धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है। इसके तेज होने की वजह से सभी राज्यो में भारी बारिश करते हुए यह गुजरात तक पहुंचेगा। इसकी वजह से आने वाले तीन दिनों तक भोपाल संभाग के विदिशा, सीहोर और रायसेन में मध्यम से भारी बारिश होने की आशंका जताई जा रही है।
पूर्वी मध्यप्रदेश में एक सितंबर से बारिश का दौर एक बार फिर शुरू हो सकता है। बता दें कि इससे पहले भोपाल में शुक्रवार को आधा इंच पानी गिरा था, जिसके बाद केरवा डेम के दो गेट को खोल दिए गए थे।
1976 के बाद बना पहला तूफान
साल 1891 से लेकर अब तक मानसूनी महीनों भारतीय समुद्रों में 32 बार तूफान बने हैं, जबकि आखिरी बार भारतीय समुद्रों में यह तूफान 1976 में बना था, इसके बाद से पहली बार अगस्त में अरब सागर में तूफान बना है। वहीं, भारतीय समुद्रों यानी की बंगाल की खाड़ी के समुद्रों को भी जोड़ दिया जाए को 1981 के बाद यह पहला तूफान है जो कि समुद्री सागरों में बना है।
मध्यप्रदेश में यहां होगी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 24 घंटे में सीहोर, देवास, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, दमोह, डिंडौरी जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई है। वहीं, राजधानी भोपाल समेत ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं, मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश में एक सितंबर से लेकर 3 सितंबर तक प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया है।
अगर प्रदेश में अधिक बारिश होती है, तो इससे डैम और तालाब एक बार फिर लबालब भर जाएंगे। फिलहाल प्रदेश के बड़े डैम 95 फीसदी तक भरे हुए हैं। वहीं, भोपाल के तीनों डैम कलियासोत, केरवा और भदभदा के गेट खोले जा चुके हैं, जबकि भोपास के कोलार डैम के 8 में से चार गेट को खोल दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ हल्की बूंदा बांदी हो सकती है। जबकि कुछ इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार बस्तर संभाग के जिले और उससे लगे रायपुर और दुर्ग संभाग में भारी बारिश होने की संभावना है।