हाइलाइट्स
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उल्टी घूमने लगी पृथ्वी की इनर कोर
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धीमी हो गई इनर कोर
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हम पर क्या पड़ेगा असर
Earth Inner Core: हमारी पृथ्वी करोड़ों सालों से बिना रुके सूरज के चारों ओर घूम रही है। इसके साथ ही ये अपनी धुरी पर लगातार घूम रही है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पृथ्वी का एक हिस्सा अब उल्टा घूमने लगा है। पृथ्वी की इनर कोर उल्टी घूमने लगी है और ये धीमी हो गई है।
तीन परतों में बनी है पृथ्वी
हमारी पृथ्वी दो हिस्सों में बंटी है। आंतरिक और बाहरी। सबसे पहले ऊपरी परत क्रस्ट, जिस पर हम सभी रहते हैं। इसके बाद अगली मेंटल लेयर होती है। सबसे अंदर की लेयर होती है, जिसे कोर कहते हैं।
उल्टी घूमने लगी इनर कोर
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पृथ्वी की इनर कोर उल्टी घूमने लगी है। ये धीमा भी हो गया है। सामान्य रूप से पृथ्वी का आंतरिक कोर बाहरी कोर के मुकाबले स्वतंत्र रूप से घूमता है। इसे आसान भाषा में समझें तो एक बड़े गोले के अंदर एक छोटा गोला घूम रहा है।
इंगे लेहमैन ने ढूंढी थी पृथ्वी की इनर कोर
पृथ्वी की इनर कोर की खोज डेनिश भूकंप विज्ञानी इंगे लेहमैन ने 1936 में की थी। उसके बाद से ये बहस का मुद्दा बना हुआ है। वैज्ञानिक अपनी बात साबित करने के लिए पृथ्वी के घुर्णन गति और दिशा पर बहस करते रहे हैं। साइंटिस्ट के पास अपनी बात साबित करने का कोई ठोस सबूत नहीं है। पृथ्वी के इतने गहरे हिस्से को प्रत्यक्ष रूप से देखना असंभव है।
लगातार कम होती जा रही है इनर कोर की स्पीड
इसी साल जून में एक रिसर्च में सामने आया कि बार-बार आ रहे भूकंप और विस्फोट के सीस्मोग्राम के डेटा बता रहे हैं कि पिछले कुछ सालों में बाहरी सतह के मुकाबले ठोस आंतरिक कोर के घूमने की स्पीड लगातार कम होती जा रही है।
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क्या कहता है 2023 का मॉडल
पिछले साल आए एक मॉडल में पृथ्वी के इनर कोर के बारे में बताया गया है। ये पहले पृथ्वी से भी तेज घूमता था, लेकिन अब धीमी स्पीड से घूम रहा है। कुछ समय के लिए इनर कोर का घूमना पृथ्वी के घूमने से मिलता-जुला था। अब ये और भी धीमा हो गया है। अपने आसपास मौजूद परतों के मुकाबले पीछे की ओर घूमने लगा है।
हम पर क्या पड़ेगा असर
12 जून को नई रिसर्च में पृथ्वी के कोर के धीमे होने की बात सामने आई है। इनर कोर की धीमी स्पीड बदलाव के दशकों पुराने पैटर्न का हिस्सा है। रिसर्चर मानते हैं कि जब इनर कोर धीरे-धीरे घूमता है तो मेंटल लेयर की स्पीड बढ़ जाती है। इससे पृथ्वी तेजी से घूमती है और दिन की लंबाई कम हो जाती है। दिन जल्दी बीत जाता है। कुल मिलाकर दिन छोटा हो जाता है।