Dussehra 2023 Sone ki Lanka: रावण को यदि कोई जानता है तो सोने की लंका से उसका नाम जरूर जुड़ता है। रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि रावण जिस सोने की लंका में रहता है। वो उसे किसी ने दी थी या उसने खुद उसे बनवाया था। यदि नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इससे जुड़ा रोचक तथ्य और पौराणिक कथाएं क्या हैं।
रावण को किसने दी थी सोने की लंका
हिंदू मान्यताओं के अनुसार रामायण (Ramayan) काल में सोने की लंका थी। सोने की लंका शिव और पार्वती की थी। उन्होंने सोने की लंका (Sone ki Lanka) बनवाई थी। माता पार्वती और भगवान शिव हिमालय पर निवास करके बहुत ही सामान्य जीवन जीते थे। पर एक बार दोनों ही जब बैकुंठ धाम पर भ्रमण के लिए निकले थे तो माता पार्वती ने देवताओं की तरह उनके पास भी एक महल होने की इच्छा जताई थी। तब भगवान शिव ने विश्वकर्मा और कुबेर (Lord Kuber) को बुलाकर समुद्र के बीच सोने का महल बनवाया। जिसका नाम सोने की लंका पड़ा। सोने का ये महल पार्वती जी को बहुत प्रिय था।
रावण को कैसे मिली सोने की लंका
अब आप सोच रहे होंगे कि रावण के पास सोने की लंका कैसे आई। इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा है। मान्यता अनुसार रावण भगवान श्रीराम का बहुत बड़ा भक्त था। सोने की लंका की सुंदरता की चर्चा दूर—दूर तक थी। एक बार जब रावण गुजर रहा था तो उसे सोने की लंका दिखाई दी। इसकी भव्यता देखकर उसके मन में लालच आ गया। जिसके बाद उसने भगवान भोले नाथ की तपस्या करके वरदान में सोने की लंका मांग ली थी। भगवान शिव, रावण को पहचान गए थे। इसके बावजूद वो रावण को अपने द्वार से खाली हाथ वापस नहीं भेजना चाहते थे और इस तरह रावण को सोने का महल मिल गया।
श्राप के चलते खाक हुई थी लंका
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब रावण ने सोने की लंका वरदान में मांग ली थी। तो ऐसे में मां लक्ष्मी को क्रोध आ गया था। पार्वती जानती थीं कि शिवजी अब रावण से महल वापस नहीं लेंगे, इसलिए उन्होंने क्रोधित होकर लंका भस्म हो जाने का श्राप दे दिया था। इसी के चलते आगे चलकर हनुमान जी ने अपनी पूछ से पूरी लंका में आग लगा दी थी।
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