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हाइलाइट्स
- धान खरीदी से पहले सहकारी समितियों की हड़ताल जारी।
- कई मांगों को लेकर 3 नवंबर से हड़ताल कर रहे कर्मचारी।
- अनुपस्थित रहने पर 7 कर्मचारियों को किया गया बर्खास्त।
Chhattisgarh Durg Sahkari Samiti Strike Staff Dismissal: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होने से पहले सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। 3 नवंबर से जारी यह आंदोलन दुर्ग सहित सात जिलों में तेज हो गया है। ये सभी कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच अनुपस्थित कर्मचारियों पर की गई कड़ी कार्रवाई ने विवाद को और बढ़ा दिया है। दुर्ग प्रशासन ने 7 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, जबकि कर्मचारी संघ ने कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। अब सरकार ने धान खरीदी को सुचारू रखने वैकल्पिक व्यवस्था शुरू कर दी है।
मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल
छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों के कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। दुर्ग संभाग में रोजाना 2 हजार से 2,500 कर्मचारी मानस भवन के पास धरना दे रहे हैं। आंदोलन के कारण धान खरीदी की तैयारी सीधे प्रभावित हो रही है।
7 कर्मचारी बर्खास्त, आंदोलन और तेज
हड़ताल के बीच सरकार की सख्ती देखने को मिली है। कई समितियों में काम पर नहीं लौटने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। अनुपस्थित रहने और नोटिसों का जवाब न देने पर दुर्ग और राजनांदगांव जिलों के 7 प्रभारी प्रबंधकों को सेवा से हटाया गया है। प्रशासन ने कहा कि लगातार अनुपस्थिति से खाद-बीज वितरण, PDS और ऋण वितरण जैसे कार्य बाधित हुए।
बर्खास्त किए गए कर्मचारी
- गिरधर सोनी – उतई (दुर्ग)
- किसुन देवांगन – गठला (राजनांदगांव)
- ईश्वर श्रीवास – बोरतलाव (राजनांदगांव)
- नरेन्द्र साहू- प्रभारी समिति प्रबंधक
- जागेश्वर साहू – बोरीगारका (दुर्ग)
- भीखम चंद जैन – पनियाजोब (राजनांदगांव)
- भाईलाल देवांगन – भेजटोला (राजनांदगांव)
बर्खास्तगी के बाद कर्मचारी और संगठित हो गए हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि यह कार्रवाई आंदोलन को और उग्र करेगी।
कर्मचारियों की 4 मुख्य मांगें
- मध्य प्रदेश की तर्ज पर वेतनमान लागू करना
- लंबित भत्तों का भुगतान
- सेवा शर्तों में सुधार
- सुरक्षा एवं स्थायित्व से जुड़े प्रावधान
कर्मचारी महासंघ का कहना है कि धान खरीदी का अधिकांश तकनीकी और प्रबंधन कार्य उन्हीं पर निर्भर करता है, लेकिन पर्याप्त मानदेय और सुरक्षा नहीं दी जाती। आरोप है कि सरकार ने सालों से लंबित इन मांगों पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है।
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धान खरीदी नहीं रुकेगी, वैकल्पिक व्यवस्था तैयार
उधर, धान खरीदी प्रभावित न हो इसको लेकर सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की है। दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने बताया कि सभी विभागों के अधिकारियों को नोडल अधिकारी और खरीदी प्रभारी बनाया गया है। नए कंप्यूटर ऑपरेटरों को प्रशिक्षण देकर केंद्रों में नियुक्त किया जा रहा है। खरीदी केंद्रों की आधारभूत सुविधाएँ दुरुस्त कर दी गई हैं। किसी भी स्थिति में किसानों की धान खरीदी प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
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