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हाइलाइट्स
अनंत सिंह को 14 दिन की जेल हिरासत
मोकामा गोलीकांड में फिर फंसे अनंत सिंह
दुलारचंद हत्या केस में CID जांच शुरू
Dular Chand Yadav Murder Case Mokama: मोकामा में आरजेडी नेता दुलारचंद की हत्या के मामले में पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह को रविवार (2 नवंबर) को पटना की बेऊर जेल भेज दिया गया है। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। तीन महीने बाद अनंत सिंह एक बार फिर बेऊर जेल में रहेंगे। अनंत सिंह लगभग तीन महीने पहले 6 अगस्त को मोकामा गोलीकांड के मामले में बेऊर जेल से बाहर आए थे।
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30 अक्टूबर को दुलारचंद की हत्या कर दी गई थी।[/caption]
देर रात हुई अनंत सिंह की गिरफ्तारी
रविवार को अनंत सिंह को पटना पुलिस ने डीआईयू सेल में मेडिकल जांच के बाद सिविल कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। इसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस अनंत सिंह को ब्लैक स्कॉर्पियो में लेकर कोर्ट पहुंची थी। इस दौरान उनकी तस्वीरें भी सामने आईं, जिसमें वे सफेद पैंट-शर्ट और काले चश्मे में नजर आए।
इससे पहले शनिवार (01 नवंबर) देर रात पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने 150 पुलिसकर्मियों के साथ अनंत सिंह को बाढ़ थाना क्षेत्र के बेढ़ना गांव स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उन्हें सीधे पटना लाई। रात 2 बजे पटना DM और SSP ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का पूरा ब्योरा दिया।
दुलारचंद के पोते नीरज यादव ने कहा अनंत सिंह की फांसी के बाद ही उन्हें सुकून आएगा। उन्होंने कहा कि अनंत सिंह के चार चेले (समर्थक) अभी भी बाहर घूम रहे हैं। हमारे परिवार को उनसे खतरा है। अनंत सिंह को फाँसी होने के बाद ही मैं दादा का ब्रह्मभोज करूंगा।
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शनिवार देर रात अनंत सिंह को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया।[/caption]
हत्या के वक्त मौजूद थे अनंत सिंह
पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि जांच में साफ हुआ है कि आरजेडी नेता दुलारचंद की हत्या के समय अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे। 30 अक्टूबर को दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झड़प हुई थी। पथराव और फायरिंग में कई लोग घायल हुए और इसी दौरान 75 वर्षीय दुलारचंद यादव की गोली लगने से मौत हो गई।
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पुलिस के मुताबिक दोनों पक्षों ने घटना के बाद मामला दर्ज कराया। साक्ष्य, गवाहों के बयान और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर यह साबित हुआ कि यह झड़प आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के तहत गंभीर अपराध है। अनंत सिंह को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। उनके साथ मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया गया है।
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दुलारचंद यादव (फाइल फोटो)[/caption]
अनंत सिंह ने कहा- घटना के वक्त मैं आगे निकल चुका था
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह को रंगदारी सेल में रखा गया, जहां उन्होंने करीब 11 घंटे बिताए। बताया जा रहा है कि वे रातभर नहीं सोए और पुलिस से लगातार कहते रहे कि घटना के वक्त वे काफिले से आगे निकल चुके थे, इसलिए पीछे क्या हुआ, उन्हें पता नहीं।
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अनंत कुमार सिंह (फाइल फोटो)[/caption]
CID भी जांच में शामिल
इस मामले की जांच में CID भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों में झड़प और मारपीट की घटनाएं हुईं। यहां तक कि जब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया जा रहा था, उस दौरान भी विवाद हुआ, जिसके लिए अलग केस दर्ज किया गया है।
घटना के बाद चुनाव आयोग ने भी सख्त रुख अपनाया। शनिवार देर शाम आयोग ने बाढ़ के SDM चंदन कुमार, ग्रामीण SP विक्रम सिहाग और SDPO-1 राकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। 2022 बैच के IAS अधिकारी आशीष कुमार को नए SDM के रूप में नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा, CID के DSP आनंद कुमार सिंह को नया SDPO-1 बनाया गया है। वहीं, SDPO-2 अभिषेक सिंह को सस्पेंड कर ATS के DSP आयुष श्रीवास्तव को उनकी जगह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
फिर से बेऊर जेल में रहेंगे अनंत सिंह
गौरतलब है कि अनंत सिंह इससे पहले 6 अगस्त को मोकामा गोलीकांड के मामले में बेऊर जेल से बाहर आए थे। अब एक बार फिर वे उसी जेल में लौट रहे हैं। राजनीतिक हलकों में इस गिरफ्तारी को लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, जबकि उनके समर्थक इसे साजिश बता रहे हैं।
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अनंत सिंह बेऊर जेल से 6 अगस्त 2025 को रिहा हुए थे।[/caption]
Ujjain Simhastha 2028: लैंड पूलिंग पर बदला सरकार का रुख, लिखित सहमति जरूरी, मुख्य सड़कें और जरूरी निर्माण होंगे
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उज्जैन सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के लिए बनाई जा रही लैंड पूलिंग योजना (Land Pooling Scheme) में अब सरकार एक तरफा जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकेंगी। लैंड पूलिंग योजना में एक तरफा जमीन अधिग्रहण की प्रोसेस से किसानों में भारी आक्रोश था। जिसके बाद इस पूरी योजना को लेकर राज्य सरकार को अपना निर्णय बदलना पड़ा है। जिसके तहत अब सिंहस्थ के विकास कार्यों के लिए एक तरफा जमीन अधिग्रहण नहीं होगा, किसी भी किसान या जमीन मालिक से लिखित सहमति (Written Consent) मिलने पर ही जमीन पर विकास काम किए जाएंगे। सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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