Donkey Milk Benefits: रोज दूध का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है. अक्सर सर्दियों में सुबह-सुबह दूध पीने को कहा जाता है. दूध में कई तरह की स्वास्थ समस्याओं को दूर करने की शक्ति होती है. आम तौर पर लोग गाय या भैंस का दूध पीते हैं.
जैसा कि आपने देखा होगा की डेंगू जैसे मामलों में बकरी का दूध भी पीने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही रोजमर्रा की जिंदगी में हम गाय और भेंस का दूध पीते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक जानवर ऐसा भी है जिसका अक्सर लोगों द्वारा मजाक उड़ाया जाता है.
लेकिन क्या आप जानतें इस जानवर का दूध हजारों रुपये लीटर बिकता है. साथ ही कई बड़ी बीमारियों को दूर करता है.
रिसर्च में पाया गया फायदेमंद
गधी के दूध का इस्तेमाल कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है. बता दें कुछ कंपनियां गधी के दूध का उपयोग दही और पनीर में करती है, साथ ही गधी के दूध को त्वचा की देखभाल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
यह दूध आपके चेहरे की झुर्रियां कम करती है. हाल ही में रिसर्च में पता चला है कि दूध के स्वास्थ लाभ सामनें आए हैं. बता दें गधी एक दिन में करीब आधा लीटर दूध देती है. यही कारण है कि गधी का दूध की मांग बढ़ने और उत्पादन कम होने के कारण इसका भाव 7000 रुपए प्रति लीटर तक बिक रहा है.
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त्वचा की देखभाल
गाढ़ी के दूध में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन और विटामिन E की अच्छी खुराक होती है, जो त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. यह त्वचा को नमी प्रदान करने के साथ-साथ बुढ़ापे के लक्षणों को भी धीमा करने में मदद करता है.
गधी के दूध का नियमित सेवन चेहरे की रंगत को निखार सकता है और झुर्रियों को कम कर सकता है.
एलर्जी को करेगा दूध
गधी के दूध में छोटे बच्चों की एलर्जी दूर करने की शक्ति होती है. यह दूध बच्चों को कई तरह की एलर्जी से बचाता है. इसमें मौजूद पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है. वहीं जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलरेंस की समस्या है और गाय या भैंस का दूध पीने पर उन्हें पाचन संबधी समस्याएं होती हैं.
उनके लिए गधी का दूध एक अच्छा आप्शन साबित हो सकता है. यह दूध उनके पाचन तंत्र पर हल्का प्रभाव डालता है और किसी भी प्रकार की अपच की समस्या से बचाता है.
डायबिटीज में देता है अनोखा फायदा
कई विशेषज्ञों का मानना है कि गधी के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन में ऐसे गुण होते हैं, जो टाइप 2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं. यह दूध ग्लूकोज के स्तर को संतुलित रखने और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार लाने में सहायक हो सकता है.
हालांकि, इस विषय पर अभी तक कोई वैज्ञानिक शोध नहीं हुआ है, लेकिन लोगों ने अपने अनुभवों के आधार पर इसे फायदेमंद बताया है.
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गुजरात में बढ़ रही है डिमांड
एक रिपोर्ट के अनुसार, गधी के दूध का व्यापार भारत में गाय, भैंस, भेड़ या बकरी के दूध की तरह लोकल मार्केट में सामान्य नहीं है. हालांकि, गुजरात में हलारी नस्ल के गधों की डिमांड बढ़ रही है.
एक शोध के मुताबिक, भारत में गधों की नस्लों पर काम किया जा रहा है, लेकिन गधी के दूध का कारोबार यूरोप और अमेरिका की तुलना में भारत में उतना प्रचलित नहीं है. गधी एक दिन में अधिक दूध नहीं देती; एक गधी दिन में अधिकतम आधा किलो दूध ही देती है.
वहीं, विदेशों में यह दूध भारतीय मुद्रा के हिसाब से लगभग 5000 रुपये प्रति लीटर बिकता है। इन कारणों से यह दूध काफी महंगा होता है.