Donald Trump Tariffs Impact Indian Stock Market Sensex Nifty : डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा भारत पर लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ को बढ़ाकर 50 फीसदी करने के बाद इसका कुछ ज्यादा असर गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में कारोबार में नहीं मिला।
आज 7 अगस्त को खुले मार्केट में सेंसेक्स-निफ्टी मामूली गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे हैं। तो वहीं दूसरी ओर अच्छी बात ये है कि भारतीय करेंसी तो डॉलर के मुकाबले बढ़त के साथ खुली है।
भारत ने बताया असंगत निर्णय’
भारत सरकार ने ट्रंप के इस निर्णय को ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और एकतरफा’ करार दिया है। ट्रंप ने पहले ही भारत को रूस से तेल और हथियारों की खरीद रोकने की धमकी दी थी और अब उसी बहाने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लाद दिया गया है। भारत का कहना है कि जिन नीतियों पर उसे टारगेट किया जा रहा है, वही नीतियाँ कई दूसरे देश भी अपने राष्ट्रीय हित में अपनाते हैं।
शेयर बाजार पर तत्काल प्रभाव: सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट
बीते बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए इंडेक्स
बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई।
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BSE Sensex 166.26 अंक की गिरावट के साथ 80,543.99 पर बंद हुआ।
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NSE Nifty 75.35 अंक फिसलकर 24,574.20 पर क्लोज हुआ।
बाजार की शुरुआत से ही सुस्ती बनी रही और जैसे ही ट्रंप के टैरिफ की पुष्टि हुई, सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में चले गए।
20 दिन की मोहलत: बाजार में उम्मीद अभी बाकी
27 अगस्त से लागू होगा नया शुल्क
हालांकि राहत की बात यह है कि यह अतिरिक्त 25% टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा, जिससे बाजार को फिलहाल कुछ समय मिल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन 20 दिनों के भीतर अमेरिका और भारत या अमेरिका और रूस के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति बन सकती है, जिससे निवेशकों का भरोसा थोड़ा लौट सकता है।
HDFC सिक्योरिटीज के सीईओ धीरज रेली का कहना है कि बाजार में 1-2% की गिरावट आ सकती है, लेकिन निवेशक जल्द ही समाधान की दिशा में उम्मीद लगाए रखेंगे। अगर यह टैरिफ लंबे समय तक लागू रहा तो भारत की GDP पर इसका 30–40 बेसिस पॉइंट तक प्रभाव पड़ सकता है।
किन सेक्टर्स पर पड़ेगा सीधा असर?
कपड़ा, जूते, ज्वेलरी और फार्मा कंपनियां टारगेट पर
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, खासतौर पर एक्सपोर्ट के मामले में। कपड़े, जूते, दवाइयाँ, ज्वेलरी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी चीजें भारत अमेरिका को निर्यात करता है। टैरिफ बढ़ने से इन उत्पादों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे उनकी बिक्री प्रभावित हो सकती है।
फार्मा सेक्टर पर ट्रंप की चेतावनी पहले ही आ चुकी है। मंगलवार को उन्होंने फार्मा पर टैरिफ को 250% तक बढ़ाने की बात कही थी। इसके चलते बुधवार को Sun Pharma, Ajanta Pharma, Glaxo SmithKline, Biocon, Zydus जैसी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अल्पकालिक गिरावट, दीर्घकालिक रणनीति की ज़रूरत
हालांकि बाजार में अनिश्चितता है, फिर भी कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि भारतीय बाजार इससे भी बड़े झटकों से उबर चुका है। इंडेक्स ओवरसोल्ड ज़ोन में है, जिससे गिरावट सीमित रह सकती है।
निवेशकों को चाहिए कि वे घबराने की बजाय दीर्घकालिक रणनीति पर ध्यान दें और उन सेक्टर्स में निवेश करें जो घरेलू मांग से प्रेरित हैं।
ट्रंप के डबल टैरिफ का शेयर बाजार पर असर
बाजार में अनिश्चितता और घबराहट
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ट्रंप के फैसले से विदेशी निवेशकों (FIIs) का भरोसा कमजोर हो सकता है, जिससे वे बिकवाली की ओर बढ़ सकते हैं।
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सेंसेक्स और निफ्टी जैसे मुख्य इंडेक्स में 1-2% की शॉर्ट टर्म गिरावट देखने को मिल सकती है।
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टैरिफ वॉर की आशंका के चलते मार्केट वोलैटिलिटी (अस्थिरता) बढ़ेगी।
कौन-कौन से सेक्टर और शेयर प्रभावित हो सकते हैं?
1. फार्मा सेक्टर (Pharmaceuticals)
ट्रंप ने फार्मा पर 250% टैरिफ की धमकी दी है।
इससे अमेरिका को दवाइयां बेचने वाली कंपनियां बुरी तरह प्रभावित होंगी।
गिरावट संभावित शेयर:
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Sun Pharma
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Aurobindo Pharma
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Biocon
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Ajanta Pharma
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Zydus Lifesciences
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GSK India
2. टेक्सटाइल और गारमेंट (Textiles & Apparel)
भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में कपड़े, गारमेंट्स और फुटवियर एक्सपोर्ट करता है।
गिरावट संभावित शेयर:
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Page Industries
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Arvind Ltd
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KPR Mills
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Welspun India
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Raymond
3. ज्वेलरी और डायमंड (Jewellery & Gems)
ज्वेलरी सेक्टर पर सीधा असर, क्योंकि अमेरिका बड़ा खरीदार है।
गिरावट संभावित शेयर:
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Titan Company
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Rajesh Exports
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PC Jeweller
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Vaibhav Global
4. आईटी सर्विसेज और आउटसोर्सिंग (IT Services)
यदि अमेरिका-भारत संबंध और बिगड़ते हैं तो IT कंपनियों को भी अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान हो सकता है।
गिरावट संभावित शेयर:
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Infosys
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TCS
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Wipro
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HCL Tech
किन सेक्टर को हो सकता है फायदा?
घरेलू मांग आधारित कंपनियां
जिनका फोकस भारत में ही है, उन्हें इस टैरिफ से असर नहीं होगा।
जैसे – FMCG, Auto (domestic-focused), कुछ PSU Banks
निवेशकों के लिए सलाह
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शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स: वोलैटिलिटी को भुनाने का मौका है लेकिन रिस्क हाई रहेगा।
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लॉन्ग टर्म निवेशक: गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखें, खासकर मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में।
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डाइवर्सिफिकेशन रखें: एक ही सेक्टर में फंसे रहने से नुकसान बढ़ सकता है।