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Trump G7 Controversy : कनाडा की बर्फीली रॉकी पहाड़ियों में जब दुनिया की सात बड़ी लोकतांत्रिक ताकतें G7 सम्मेलन में जुटीं, तब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमेशा की तरह एक बार फिर सबको चौंका दिया। बैठक की शुरुआत से पहले ही उन्होंने ऐलान कर दिया कि वह अमेरिका जल्दी लौट रहे हैं। वजह बताई गई- "मध्य पूर्व में जारी हालात", लेकिन असल वजह ईरान-इज़राइल के बीच बढ़ता तनाव मानी जा रही है।
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ट्रंप का ईरान पर तीखा रुख
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Iran Israel tension[/caption]
ट्रंप ने सम्मेलन के पहले ही दिन सोशल मीडिया पर ईरान की राजधानी तेहरान के लोगों को "शहर तुरंत खाली करने" की चेतावनी दी। यह पोस्ट उनकी आक्रामक रणनीति की ओर इशारा करता है, हालांकि उन्होंने चेतावनी की वजह स्पष्ट नहीं की।
साझा बयान पर मचा घमासान
जी7 के अन्य सदस्य फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और कनाडा इस कोशिश में लगे थे कि एक साझा बयान जारी हो, जिसमें ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने और इज़रायल के आत्मरक्षा अधिकार को समर्थन देने की बात हो। लेकिन ट्रंप ने इस प्रस्ताव पर दस्तखत करने से साफ इनकार कर दिया। एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, ट्रंप ने पहले ही अपनी स्थिति सार्वजनिक कर दी थी, इसलिए उन्हें साझा घोषणापत्र पर साइन करने की जरूरत महसूस नहीं हुई।
ईरान से डील की अटकलें
ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि वह जल्द ईरान के साथ किसी कूटनीतिक समझौते की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ईरान को दो महीने का अल्टीमेटम दिया गया था, जो हाल ही में खत्म हुआ। ठीक उसी दिन इज़रायल ने ईरान की सैन्य और परमाणु सुविधाओं पर अब तक के सबसे तीखे हमले किए।
रूस पर फिर विवादित बयान
रूस को लेकर भी ट्रंप ने पुराने रुख को दोहराया और कहा कि उसे G8 से बाहर निकालना एक गलती थी। उन्होंने दावा किया कि अगर रूस G7 का हिस्सा होता, तो शायद यूक्रेन युद्ध नहीं होता। इस पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने आपत्ति जताई और कहा कि जो देश खुद यूएन चार्टर का उल्लंघन कर रहा हो, वह मध्य पूर्व में शांति स्थापित नहीं कर सकता।
ट्रंप की रणनीति: बहुपक्षीयता नहीं, दबाव की राजनीति
G7 सम्मेलन वैश्विक सहयोग का मंच माना जाता है, लेकिन ट्रंप के रुख ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि वे बहुपक्षीय सहमति की जगह एकतरफा फैसलों और दबाव की राजनीति को प्राथमिकता देते हैं। उनकी समय से पहले वापसी और साझा बयान से दूरी ने बैठक के पहले ही दिन राजनीतिक तनाव का माहौल पैदा कर दिया।
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मैक्रों की कानाफूसी, मेलोनी का रिएक्शन.. दुनियाभर में वीडियो वायरल
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दुनिया के 7 ताकतवर देशों के राष्ट्र प्रमुख कनाडा के कैनानास्किस में हुई G7 समिट में जुटे। ईरान-इजराइल के बीच जंग के बीच हुई जी-7 समिट के दौरान इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच हुई कानाफूसी का वीडियो दुनियाभर के सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है।
इस वीडियो में दिख रहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों अपने बगल में बैठी इटली की पीएम मेलोनी से धीरे-धीरे कुछ कह रहे हैं। मेलोनी, मैकों की बात सुनने के लिए थोड़ा उनकी ओर झुकती हैं। मैक्रों उनके कान में कुछ फुसफुसाते नजर आते हैं। उनकी बात सुनने के बाद, मेलोनी ने अपनी आंखें घुमा कर जो रिएक्शन दिया, वो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। दुनियाभर में लोग ये वीडियो देखकर कयास लगा रहे हैं कि आखिर मैक्रों ने ऐसा क्या कहा, जिस पर मेलोनी ने अपनी आंखें चौड़ी कर ऐसा रिएक्शन दिया।
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