वाराणसी: काशी के डोम राजा (Dome Raja of Varanasi) जगदीश चौधरी का सुबह देहांत हो गया। काशी के ही प्राइवेट अस्पाताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वहीं पीएम मोदी ने दुख जताते हुए कहा कि वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनपर्यंत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।
वाराणसी के डोम राजा जगदीश चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वे काशी की संस्कृति में रचे-बसे थे और वहां की सनातन परंपरा के संवाहक रहे। उन्होंने जीवनपर्यंत सामाजिक समरसता के लिए काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति दे।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 25, 2020
आपको बता दें जांघ में घाव होने की वजह से कई महीनों से उनका उपचार चल रहा था। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में पीएम मोदी (PM Modi) ने जगदीश चौधरी को अपना प्रस्तावक चुना था।
इसलिए कहा जाता था डोम राजा
काशी में अंतिम संस्कार मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर किया जाता है। दोनों घाटों पर अंतिम संस्कार का जिम्मा डोम समाज के पास है। काशी में इस मुख्य जिम्मेदारी को निभाने के चलते इन्हें डोम राजा कहा जाता है।
पीएम मोदी ने बनाया था प्रस्तावक
पीएम मोदी का प्रस्तावक बनने पर जगदीश चौधरी ने कहा था कि इससे हमारे समाज को अलग पहचान मिली है। पहली दफा किसी सियासी दल ने हमें यह पहचान दी है। हालात पहले के मुकाबले अवश्य सुधरे हैं, किन्तु समाज में हमें पहचान नहीं मिली है और पीएम चाहेंगे तो हमारी दशा जरूर सुधरेगी। आपको बता दें कि हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट में करीब 500 से 600 डोम रहते हैं। जबकि उनकी बिरादरी में पांच हजार से अधिक लोग हैं।