हाइलाइट्स
- शहर में लगातार बढ़ रहे डॉग बाइट के मामले
- सिर्फ हुकमचंद पाली क्लीनिक में टीकाकरण की व्यवस्था
- शहर के अन्य अस्पतालों में भी होनी चाहिए व्यवस्था
इंदौर। Dog Terror In Indore: शहर में कुत्तों के काटने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 200 से अधिक लोगों पर कुत्ते हमले कर रहे हैं. इसके बावजूद रेबीज के टीकाकरण के लिए सिर्फ एक ही सरकारी अस्पताल में व्यवस्था है. नियम कहते हैं कि सभी सरकारी अस्पतालों में रेबीज के टीकाकरण के इंतजाम होने चाहिए, लेकिन लोगों को टीका लगवाने के लिए शहर के एकमात्र हुकमचंद पाली क्लीनिक में आना पड़ता है.
जिम्मेदार अन्य अस्पतालों में भी टीकाकरण की व्य्वस्था होने के दावे कर रहे हैं, लेकिन सभी दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं. लोगों को टीकाकरण के लिए हुकमचंद पाली क्लीनिक (Dog Terror In Indore) ही भेजा जा रहा है. रोज सुबह अस्पताल खुलने से पहले ही मरीजों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है. हर महीने औसत यहां चार हजार से अधिक मामले आते हैं.
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शहर के इन अस्पतालों में भी होनी चाहिए व्यवस्था
शहर में जिस तरह कुतों के काटने के मामले (Dog Terror In Indore) सामने आ रहे हैं. ऐसे में कई अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन की व्यव्स्था की जानी चाहिए. जिला अस्पताल, एमवाय अस्पताल, शासकीय अस्पताल और बाणगंगा आदि स्थानों पर भी एंटी रैबीज टीके लगाने के इंतजाम होने चाहिए. जिनको हुकमचंद पाली क्लीनिक दूर पड़ता है. वे निजी अस्पताल में एंटी रैबीज टीके लगाने के लिए जाते हैं. यहां उन्हें ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं. लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग हमेशा दावे करता है कि शासकीय अस्पतालों में इसकी सुविधा मिलती है, लेकिन हमें लाल अस्पताल जाने के लिए कहां जाता है.
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शहर में लगातार बढ़ रहे डॉग बाइट के मामले
इंदौर में आवारा कुत्तों के काटने के मामले(Dog Terror In Indore) लगातार बढ़ रहे हैं. शहर में हर महीने करीब 3600 लोगों को कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं. प्रतिदिन 120 लोगों को यानी हर घंटे 5 लोगों पर कुत्ते हमला कर रहे हैं. लाल अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक, शहर में साल 2023 में कुत्तों ने 44 हजार 16 लोगों को काटा था. तो वहीं साल 2022 में 40 हजार 249 लोगों को अपना शिकार बनाया था. यह आंकड़ा सिर्फ सरकारी अस्पताल है. निजी अस्पताल के आंकड़े इसमें शामिल नहीं हैं.
कुत्ते के काटने पर क्या करें ?
डॉग बाइट के तुरंत बाद जख्म को कपड़े से साफ करना चाहिए. उसे 10 से 15 मिनट तक एंटीसेप्टिक सोप और पानी से अच्छी तरह से धोना चाहिए. घाव को साफ करने के बाद एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन लगाना चाहिए. गर जख्म को धोने के बाद भी खून बंद नहीं हो रहा है तो उसे किसी कपड़े से रोकने की कोशिश करनी चाहिए. घाव को संक्रमण से बचाने के लिए डॉक्टरी से चेकअप कराना जरूरी है. इसके बाद एंटी रेबीज का इंजेक्शन जरूर लगवाना चाहिए.