भोपाल। प्रदेश में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जूडा काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं। सरकार के प्रतिनिधि लगातार हड़ताल खत्म कराने का प्रयास करा रहे हैं। हालांकि जूडा अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं। अब इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन AIIMS और सफदरजंग के डॉक्टर्स ने भी किया है। एम्स और सफदरजंग (AIIMS And Safdarjung) के रेजीडेंट डॉक्टरों (Resident Doctors) ने मप्र के जूडा की हड़ताल के समर्थन में एक कैंडल मार्च निकाला है।
डॉक्टर्स ने श्री अरबिंदो मार्ग तक मार्च निकालकर मप्र के जूडा की मांगों को उचित ठहराया है। इसके साथ ही मांगों को मान लेने की अपील की है। फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा (सेवानिवृत्त) से भी मुलाकात की और उन्हें मध्य प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की मांग से अवगत कराया। बता दें कि बीते दिनों से प्रदेश के जूडा लगातार हड़ताल कर रहे हैं। इस मामले को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने भी सुनवाई की थी। जबलपुर हाईकोर्ट ने जूडा को काम पर लौटने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। वहीं लगातार सरकार के जनप्रतिनिधि इस मामले को शांत कराने के लिए बात कर रहे हैं।
अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं डॉक्टर्स…
बता दें कि प्रदेश के जूडा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया सीएम शिवराज सिंह चौहान को जल्द ही इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। बता दें कि बीते दिनों हाईकोर्ट ने जूडा की हड़ताल को असंवैधानिक बताते हुए काम पर लौटने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रदेश के करीब तीन हजार जूनियर डॉक्टर्स ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। राज्य सरकार ने इन डॉक्टर्स को छात्रावास खाली करने के भी निर्देश दे दिए हैं। बता दें कि जूडा की हड़ताल अब थमने का नाम नहीं ले रही है। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद भी जूडा काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं। अब अन्य डॉक्टर्स का भी जूडा को समर्थन मिलने लगा है।