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अक्सर आपने बचपन में सुना होगा कि सो जाओं नही तो बिल्ली मौसी आ जाएगी। वही बिल्ली को जंगल के राजा शेर की मौसी कहा जाता है। यह बात तो हम सभी जानते है, लेकिन ऐसा क्यों कहा जाता है। आइए जानते हैं।
दरअसल, बिल्ली कई तरह की होती है। एक घरेलू बिल्ली और दूसरी जंगली बिल्ली। बिल्ली छोटे आकार की होती है। बिल्ली हमार घरों के आसपास के इलाकों में घूमती देखी जा सकती है। बिल्ली का आकार भले ही शेर के समान नहीं हो लेकिन बिल्ली का रंग और उसका रूप शेर जैसा ही दिखाई देता है। इसीलिए बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है।
क्यों माना जाता है मौसी
बिल्ली एक चतुर और चालाक जानवर है। वही शेर को भी चतुर माना जाता है, इसी के चलते बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है। शेर काफी बड़ा लगभग 1 मीटर ऊंचा और 2 मीटर लंबा होता है। शेर खूंखार और खतरनाक होता है। शेर के शरीर का रंग चितकबरा होता है। बिल्ली और शेर की प्रजाति लगभग एक जैसी होती है। इसके अलावा हम देखते हैं कि बिल्ली और शेर दोनों के दांत बहुत ही नुकीले होते हैं, जो किसी भी जीव जंतु, मनुष्य के शरीर में एक सुई की तरह चुभ जाते हैं। शेर ही नहीं बल्कि चीता, बाघ जैसे जानवरों को बिल्ली की प्रजाति का माना जाता है। लेकिन शेर चीता काफी खतरनाक होते हैं। वही बिल्ली इतनी खतरनाक नहीं होती है। इसलिए बिल्ली को शेर की मौसी कहकर पुकारा जाता है।
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