Lightning Prevention Tips: भारत के कई राज्यों में मानसून ने एंट्री कर ली है. जानकारी के मुताबिक 20 से 25 जून तक उत्तर भारत में मानसून आ जाएगा. इस मौसम ज्यादातर मामले बिजली गिरने के आते हैं. इसके साथ कुछ मामलों में ये भी सामने आता है कि बिजली गिरने की वजह से मौतें हो गयीं.
इस तरह के मामले मानसून शुरू होने के साथ ही आने लगते हैं. इन मामलों में मौत के कई तरह के फैक्टर जैसे खेतों में काम करना, पेड़ के नीचे, खुले में घूमना, तालब में नहाना निकलते हैं. इस स्तिथि में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सावधानी बरतने के लिए दिशा निर्देश दिए जाते हैं.
किस तरह आप ऐसी स्तिथि में बिजली से अपने आप को बचा सकते हैं.
30-30 नियम का करें उपयोग
बिजली के खतरे का निर्धारण करने के लिए 30-30 नियम एक सरल और प्रभावी तरीका है। यह नियम मुख्यतः आंधी और बिजली की गतिविधियों से संबंधित है और इसको इस प्रकार समझा जा सकता है.
पहला 30 सेकंड: यदि आप बिजली चमकते हुए देखते हैं, तो तुरंत इसकी आवाज (गर्जना) सुनने के लिए गिनती शुरू करें। यदि बिजली चमकने और गरजने के बीच का अंतर 30 सेकंड या उससे कम होता है, तो इसका मतलब है कि बिजली आपके 10 किलोमीटर के अंदर है और यह खतरे का संकेत है। इस स्थिति में, आपको तुरंत सुरक्षित स्थान (जैसे घर, बिल्डिंग, या कार) में जाना चाहिए।
दूसरा 30 मिनट: एक बार जब आप गरजने की आवाज नहीं सुनते हैं, तब भी आपको सुरक्षित स्थान पर 30 मिनट तक रुकना चाहिए। गरज की आखिरी आवाज सुनने के बाद भी बिजली गिरने का खतरा बना रहता है, इसलिए 30 मिनट तक इंतजार करना आवश्यक है।
जब बिजली गिरें तो क्या करें ?
यदि घर के भीतर हों
तूफान आने से पहले इलेक्ट्रानिक उपकरणों के प्लग निकाल दें।
तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें।
खिड़कियों एवं दरवाजें से दूर रहें तथा वरांडा में न खड़े हों प्लम्बिंग तथा लोहे के पाइपों को न छुएं।
नल से बहते पानी का इस्तेमाल न करें।
यदि घर से बाहर हों
घर, अथवा भवन में आश्रय लें, टिन अथवा धातु से बनी छत वाले मकानों से दूर रहें।
यदि खुले आसमान के नीचे हों तो तुरन्त दुबक जाएं जमीन पर न तो लेटें और न ही अपने हाथ लगाएं।
कभी भी पेड़ के नीचे न खड़े हों। एक स्थान पर भीड़ न लगाएं। सभी फैलकर खड़े हों।
कार के अंदर हैं तो क्या करें
यदि आप कार / बस अथवा ढके हुए वाहन के अन्दर हैं, तो वहीं रहना सुरक्षित है।
घर के बाहर धातु की वस्तुएं इस्तेमाल न करें।
बिजली तथा टेलीफोन के खम्भों से दूर रहें। पानी के भीतर न रहें, पूल, झील तथा छोटी नाव से तुरंत बाहर निकल जाएं।
बिजली से प्रभावित का इलाज़
बिजली का झटका लगे व्यक्ति का यदि जरूरी हो तो सीपीआर (कार्डियो पल्मनरी रीसूसाइटेशन) • करें जैसे कृत्रिम सांस देना। उसे तुरंत डाक्टरी मदद प्रदान करें।