नई दिल्ली। लक्ष्मी जी का Diwali Muhurta 2021 त्योहार दीपावली पर इस वर्ष 4 अक्टूबर को है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन पूजन के लिए किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है। पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार लक्ष्मी जी के पूजन कुछ विशेष योग में शुभ और चर लग्न में पूजन किया जा सकता है।
स्थिन लग्न में भूलकर भी न करें पूजन
लक्ष्मी पूजन कभी भी स्थिर लग्न में नहीं करना चाहिए। इस लग्न में पूजन करने से लक्ष्मी के लिए लक्ष्मी जी आती—जाती रहती हैं। जबकि चर और शुभ लग्न में किया गया पूजन मां लक्ष्मी के लिए बेहद खास माना जाता है। पंडित सनत कुमार खम्परिया की मानें तो इस मुहूर्त में पूजन करने से पैसे का टर्न ओवर बना रहता है।
स्थिर लग्न भगवान विष्णु के लिए है शुभ
स्थिर लग्न भगवान विष्णु के पूजन के लिए खास माना जाता है। इस पूजन में अगर विष्णु का पूजन किया जाए तो विष्णु जी हर मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
महा अमृत मुहूर्त में हुआ था मां लक्ष्मी का जन्म
वैसे तो लक्ष्मीजी का पूजन चर और अमृत खास माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार मां लक्ष्मी का जन्म रात 11:45 बजे हुआ था। इसलिए इसे महा अमृत मुहूर्त कहा जाता है इस समय किया गया पूजन सबसे ज्यादा खास माना जाता है।
यह रहे मुहूर्त —
महा अमृत मुहूर्त — 4 नवंबर को रात 11:45 — 12:30 तक