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हाइलाइट्स
सबसे बड़ा त्योहार दिवाली
दिवाली की कई परंपरा
दिवाली के बाद नजर उतारने की परंपरा
Diwali Kajal Nazar Ritual: दिवाली का पर्व जहां रोशनी, समृद्धि और खुशियों का प्रतीक माना जाता है, वहीं इसके बाद गोवर्धन पूजा या पद्मिनी एकादशी के अवसर पर कई परंपराएं निभाई जाती हैं। इनमें से एक खास परंपरा है। काजल लगाना और नजर उतारना। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक लोग इस दिन अपने परिवार के सदस्यों, खासकर बच्चों और नवविवाहितों की नजर उतारते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है ? हम आपको बता रहे हैं इसके पीछे के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण।
काजल लगाने की परंपरा बुरी नजर से बचाव का प्रतीक
भारतीय परंपरा में काजल का बहुत गहरा महत्व माना गया है। कहा जाता है कि जब व्यक्ति खुशहाल, स्वस्थ और आकर्षक दिखता है, तो उस पर दूसरों की ईर्ष्या भरी नजर (बुरी नजर) जल्दी लग जाती है। इसलिए दिवाली के बाद जब घरों में खुशियों, धन, और नई चीजों का आगमन होता है, तब परिजन एक-दूसरे की बुरी नजर से रक्षा के लिए काजल लगाते हैं।
परंपरागत रूप से माताएं अपने बच्चों की गर्दन, कान या पैर के तलवे के पास थोड़ा सा घरेलू काजल लगाती हैं, ताकि वह किसी की निगाह का शिकार न बनें। यह विश्वास इस धारणा से जुड़ा है कि काजल नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर लेता है और व्यक्ति को उससे बचा लेता है।
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नजर उतारना यानी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की मान्यता
दिवाली के बाद नजर उतारने की परंपरा भी इसी कारण निभाई जाती है। माना जाता है कि लक्ष्मी जी की कृपा से दिवाली के दौरान घरों में धन, सुख और सौभाग्य का संचार होता है। ऐसे में कई बार ईर्ष्या या नकारात्मक विचारों की ऊर्जा किसी व्यक्ति या परिवार को प्रभावित कर सकती है। इससे बचने के लिए परिवार के बड़े सदस्य लाल मिर्च, नमक, सरसों के दाने, नीबू या रुई की बत्ती से नजर उतारते हैं। इन चीजों को तीन बार या सात बार घुमाकर आग में जला दिया जाता है। यह प्रक्रिया प्रतीकात्मक रूप से बुरी शक्तियों को नष्ट करने और परिवार के वातावरण को पवित्र करने का संकेत मानी जाती है।
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धार्मिक दृष्टि से महत्व
शास्त्रों के अनुसार, दिवाली के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्र के प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा की थी। इसलिए इस दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन नकारात्मक ऊर्जा अपने चरम पर होती है, इसलिए काजल और नजर उतारने की रस्म करने से घर-परिवार में सकारात्मकता बनी रहती है और आने वाला वर्ष शुभ होता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक रूप से भी काजल आंखों के लिए लाभकारी माना गया है। इसमें मौजूद कार्बन तत्व आंखों को ठंडक देता है और धूल-मिट्टी से बचाव करता है। वहीं नजर उतारने की प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाली चीजें (जैसे नमक या मिर्च) हवा में मौजूद बैक्टीरिया को जलाने में मदद करती हैं, जिससे वातावरण शुद्ध होता है।
दिवाली के बाद काजल लगाना और नजर उतारना केवल अंधविश्वास नहीं, बल्कि परंपरा, सुरक्षा और विज्ञान का संगम है। यह रिवाज हमें याद दिलाता है कि खुशियों के बाद विनम्रता, सुरक्षा और शुभता बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है जितना दिवाली का उत्सव मनाना।
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