Diwali 2024 kab hai: आपने अक्सर देखा होगा कई बार तिथियों के घटने के चलते त्योहारों की तिथियां आगे पीछे हो जाती हैं। पर शायद ऐसा पहली बार सुनने में आ रहा है कि लोग दीपावली की तिथि |(Diwali ki sahi tithi) को लेकर कंफ्यूज हैं।
इतना ही नहीं इसे लेकर पंडितों में भी मतभेद चल रहा है। हालांकि इसे लेकर आज इंदौर में पंडितों की एक बड़ी बैठक हो रही है।
इस संबंध में ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि शास्त्र संवत और व्रतोत्सव ग्रंथ के अनुसार आखिर दीपावली कब मनाई जाएगी (Diwali kab manai jayegi)।
दीपावली कब होती है
हिन्दू पंचांग के अनुसार दीपावली (Diwali Festival 2024) का त्योहार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को आता है। पंचांग में जिस तारीख को ये अमावस्या आती है उसी दिन दीपावली का त्योहार (Diwali kab Manai Jayegi) मनाया जाता है।
दीपावली का महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार दीपावली के विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा (Laxmi Puja) करने से जीवन से सभी तरह के आर्थिक संकट दूर होते हैं।
कब से हुई दीपावली मनाने की शुरुआत
हर त्योहार को मनाने के पीछे कुछ न कुछ कारण होता है। पौराणिक कथाओं और ग्रंथों में रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम जब लंकापति रावण का वध करके माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे तब उस दिन पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था।
ऐसी मान्यता है कि भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दिवाली मनाई जाती है। इस दौरान हर नगर हर गांव में दीपक जलाए गए थे। तभी से दिवाली का यह त्योहार अंधकार पर विजय के रूप में मनाया जाने लगा।
कार्तिक अमावस्या पर ही क्यों होती है दीपावली
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी (Goddess Laxmi) भ्रमण के लिए निकलती हैं। इसलिए इस दिन घरों की विशेष साफ सफाई करके पूजा करनी चाहिए।
दीपावली की सही तिथि क्या है
इस बार दीपावली 2024 (Diwali kab hai 31 oct ya 1 navambar) कब है अगर आप भी इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं तो आपको बता दें हिन्दू पंचांग लाला रामस्वरूप पंचांग के अनुसार इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को होगी, इसलिए दीपावली भी इसी दिन होगी।
कब से आएगी कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या
कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक चौदस तिथि रहेगी। इसके बाद से अमावस्या तिथि आ जाएगी। चूंकि अमावस तिथि में ही दीपावली होती है और दीपावली प्रदोष व्यापनी तिथि होती है।
दीपावली 31 अक्टूबर को ही क्यों
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार दीपावली का त्योहार अमावस्या को होता है। 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाना शास्त्र संवत है। यह पूजन रात्रिकालीन होती है।
प्रदोष व्यापानी तिथि मानी जाती है। दूसरे दिन सूर्योदय में अमावस्या (Amavasya 2024) आएगी। इसमें उदया तिथि नहीं ली जाती। इसमें प्रदोष व्यापनी तिथि ली जाती है। इसलिए दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर (diwali kab manai jayegi) को ही मनाया जाएगा।
कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि
प्रारंभ 31 अक्टूबर दोपहर 3 बजे से पूरी रात रहेगी।