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Diwali 2024 Facts: दीपावली से जुड़ी वे बातें, जो नहीं जानते होंगे आप, पुराणों से जुड़ी है मान्यता

Diwali 2024 Facts: दीपावली से जुड़ी वे बातें जो नहीं जानते होंगे आप, पुराणों से जुड़ी है मान्यता diwali-2024-deepawali-se-jude-fact-dharmik-manyata-pds

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Preeti Dwivedi
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Diwali 2024 Fact: इस साल दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर (Diwali 2024 Date)  को मनाया जाएगा। हालांकि कुछ शहरों में ज्योतिषियों द्वारा इसे 1 नवंबर को मनाने पर सहमति जताई गई है। पर क्या आप जानते है, कि आखिर दीपावली मनाई क्यों जाती (Kyon Manate Hain Diwali)  है।

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सबसे पहले किस पुराण में इसका उल्लेख मिलता है। यदि नहीं आज हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं कुछ ऐसी बातें और रोचक फैक्ट जो शायद आपको नहीं पता होंगे।

दीपावली क्यों मनाई जाती है, कैसे मनाई जाती है और कब मनाई जाती है। यह पांच त्योहारों का त्यौहार है। ऐसा क्यों है और इसके पीछे क्या कारण है।

ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे से जानते हैं दीपावली से जुड़े कुछ ऐसे बिंदुओं के बारे में जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगे।

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सबसे पहले कहां मनाई गई थी दीपावली

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार दीपावली पर्व का उल्लेख सबसे पहले भविष्य पुराण स्कंद पुराण और पद्म पुराण में मिलता है।

इस पर्व के बारे में भविष्य पुराण के उत्तर पर्व के अध्याय 140 के श्लोक क्रमांक 9 में भगवान श्री कृष्णा महाराज युधिष्ठिर को दीपमालिकोत्सव के बारे में बताया है।

भगवान श्री कृष्णा इस अध्याय में कहते हैं, कि राजा बलि को वामन भगवान से आशीर्वाद प्राप्त हुआ था कि कार्तिक मास की अमावस्या को पूरी पृथ्वी राजा बलि की रहेगी और उस दिन इस बात की खुशी में सभी लोग दीप जलाएंगे।

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स्कंद पुराण में दीपावली का उल्लेख

देश का राजा स्वयं दीप जलाकर इस बात का निरीक्षण भी करेगा। इसके अलावा इस त्योहार का उल्लेख स्कंद पुराण के कार्तिक मास माहात्म्य खंड में मिलता है। इन सभी के अलावा पद्म पुराण में भी इसका उल्लेख है।

जनश्रुतियों के अनुसार भगवान राम के अयोध्या लौटने पर अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था, परंतु इस बात का उल्लेख बाल्मीकि रामायण अध्यात्म रामायण या रामचरितमानस आदि किसी ग्रंथ में नहीं है।

इन ग्रंथो में भगवान श्रीरामचंद्र जी के आगमन पर नागरिकों द्वारा शहर के बाहर निकलकर भगवान का स्वागत करने का उल्लेख है।

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सातवीं शताब्दी के भारतीय राजा हर्ष के समय भी दीपावली उत्सव का उल्लेख मिलता है।

दीपावली का त्योहार सनातन धर्मियों, हिंदू, जैन बौद्ध और सिखों द्वारा मनाया जाता है। परंतु सभी के मानने के कारण अलग-अलग है।

हिंदू धर्म के साहित्य के अनुसार दीपावली आध्यात्मिक अंधकार पर आंतरिक प्रकाश अज्ञान पर ज्ञान असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई के विजय उत्सव है।

हिन्दू धर्म में कब से हुई दीपावली की शुरुआत

दीपावली पर्व का प्रारंभ सागर मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि द्वारा देवी लक्ष्मी को लेकर प्रकट होने के साथ होता है। इस दिन को धनतेरस के रूप में कहा जाता है।

दीपावली पर देवी लक्ष्मी का हुआ था विवाह

कहते हैं कि दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को अपने पति के रूप में चुना था और उनसे शादी की थी। कुछ लोग इस पर्व को भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार से भी जोड़ते हैं।

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