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हाइलाइट्स
एमपी की सबसे चर्चित सीट पर महासंग्राम
गुना सीट को लेकर कांग्रेस बना रही रणनीति
2024 की हो सकती है सबसे बड़ी लड़ाई
Lok Sabha Election 2024: मध्यप्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीट गुना-शिवपुरी को लेकर कांग्रेस में मंथन खत्म नहीं हो पा रहा है। बीजेपी ने इस सीट से मौजूदा सांसद केपी यादव का टिकट काटकर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव मैदान में उतारा है।
हालांकि MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कुछ दिनों पहले गुना में केपी यादव जैसे योद्धा उतारने की बात कही थी। तो क्या अब दिग्विजय सिंह के जैसा महारथी गुना के गदर में सिंधिया को चुनौती देने उतरेगा? अगर ऐसा हुआ तो यकीन मानिए गुना देश की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में शुमार होगी।
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कांग्रेस बना रही रणनीति
बता दें कि सिंधिया की जीत की राह को मुश्किल बनाने के लिए कांग्रेस दमदार उम्मीदवार के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है। हालांकि बताया जा रहा है कि इस मामले में दिग्विजय सिंह अभी तक अपना पूरा मन नहीं बना सके हैं।
दुनिया में होंगे इस महासंग्राम के चर्चे
दुनिया में भी इस महासंग्राम के चर्चे होंगे। शुरुआत में लोकसभा चुनाव न लड़ने की बात कह चुके दिग्विजय सिंह ने ग्वालियर में एक सवाल के जवाब में कुछ ऐसा कह दिया जिसने सियासी आग में घी का काम किया। तो वहीं दिग्विजय ने गुना से चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि वे कांग्रेस के एक साधारण से कार्यकर्ता हैं। पार्टी उन्हें जो आदेश करेगी उसका पालन करेंगे।
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दिग्गी बोले मेरी तैयारी हमेशा रहती है
कांग्रेस मध्यप्रदेश की 29 सीटों में से 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, जिसमें गुना सीट का नाम नहीं है। हालांकि दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं और वे ये बात कई बार कह चुके हैं। वे यह भी कहते रहे हैं कि पार्टी जिस सीट से कहेगी वे उसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।
इस विषय में ग्वालियर में दिग्विजय सिंह ने ताजा बयान दिया है। उनसे जब गुना लोकसभा सीट पर महाराज को उतारे जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने सिंधिया का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि "देश में 1947 के बाद से राजा-महाराजा रहे ही नहीं चुनाव के लिए मेरी तैयारी हर जगह हमेशा होती है।
कैबिनेट मंत्री ने बताई राजा और जनसेवक की लड़ाई
दिग्विजय सिंह के गुना से उतरने की खबर के बाद यहां राजा महाराजा की लड़ाई देखने को मिलेगी। चारों तरफ इसी की चर्चा है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक और मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर इसे राजा और जनसेवक की लड़ाई बता रहे हैं।
2024 की हो सकती है सबसे बड़ी लड़ाई
सिंधिया और राघोगढ़ घराने की लड़ाई की कहानी करीब 200 साल पुरानी है। अब अगर गुना के गदर में सिंधिया और दिग्विजय सिंह आमने-सामने होंगे तो ये 24 की सबसे बड़ी लड़ाई हो सकती है।
इशारा तो आ गया है, लेकिन तस्वीर तो कांग्रेस की (Lok Sabha Election 2024) अगली लिस्ट के बाद ही साफ होगी। सिंधिया तो बीजेपी उम्मीदवार बनाए जा चुके हैं। अब अगर दिग्विजय सिंह के नाम का ऐलान होता है तो गुना में गदर जरूर होगा।
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गुना सीट से दिग्गी इसलिए हैं जरूरी
गुना जिले में आने वाला राघोगढ़ क्षेत्र दिग्विजय सिंह का पुराना गढ़ रहा है। दिग्विजय 1971 में यहीं से राजनीति में कदम रखते हुए राघोगढ़ के नगर पालिका अध्यक्ष बने थे। बाद में वे राघोगढ़ सीट से ही जीतकर विधानसभा पहुंचे दिग्विजय सिंह का कांग्रेस के दूसरे किसी नेता की अपेक्षा यहां ज्यादा प्रभाव माना जाता है। यही वजह है कि कांग्रेस दिग्विजय सिंह को यहां से चुनाव लड़ाने का विचार बना रही है।
ऐसा बताया जा रहा है कि यदि इस सीट से दिग्विजय सिंह को चुनाव में उतारा जाए, तो चुनाव सिंधिया के लिए चुनौती पूर्ण हो सकता है। पिछली बार दिग्विजय सिंह ने 2019 में भोपाल से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे।
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गुना सीट यानी सिंधिया परिवार
सिंधिया परिवार ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में युगों तक राजा के रूप में शासन किया है। आजादी के बाद इस लोकसभा सीट पर 19 चुनाव हुए हैं, जिसमें से 14 चुनावों में सिंधिया परिवार का ही सदस्य इस सीट से चुनकर आया है।
इस सीट से जीत का सिलसिला ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता सिंधिया ने शुरू किया था इस जीत के सिलसिले को 2019 के चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया जारी नहीं रख पाए थे। उस समय सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर से यहां से हार गए थे, लेकिन अब वे BJP के टिकट पर मैदान में हैं।
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