Digital Crop Survey in CG: राज्य सरकार ने एग्रीस्टेक परियोजना (AgriTech Project) के तहत खरीफ-2024 (Khareef 2024) में लगाई जाने वाली फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण (Digital Agriculture) करने का निर्णय लिया है।
इस परियोजना के तहत धमतरी, महासमुंद और कबीरधाम जिलों के सभी गांवों के साथ-साथ अन्य जिलों के चयनित गांवों में भी सर्वेक्षण होगा। यह डिजिटल सर्वेक्षण 9 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेगा। इससे फसलों की सटीक जानकारी मिलेगी और किसानों को लाभ होगा।
सर्वेक्षणकर्ताओं का चयन शुरू
प्रत्येक ग्राम में अधिकतम 20 सर्वेक्षणकर्ताओं (Digital Crop Survey in CG) का चयन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी तहसीलदार को सौंपी गई है। सर्वेक्षणकर्ताओं के लिए न्यूनतम 10वीं पास होना अनिवार्य है, और प्राथमिकता क्रम में कृषि स्नातक, विज्ञान स्नातक, विज्ञान से 12वीं पास और 10वीं पास होंगे।
चयनित सर्वेक्षणकर्ताओं को 7 सितंबर तक प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे डिजिटल फसल सर्वेक्षण कार्य में प्रभावी ढंग से भाग ले सकें। यह कदम किसानों के लिए फसलों की सटीक जानकारी प्रदान करने में मदद करेगा।
सर्वेक्षणकर्ताओं के पास ये योग्यताएं होनी आवश्यक
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स्वयं का एंड्रॉयड मोबाइल (वर्जन 9 या अधिक)
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बैंक खाता और आधार नंबर
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आयु 18 वर्ष से ऊपर
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संबंधित ग्राम का निवासी
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सर्वेक्षण के दौरान ग्राम में उपलब्ध
सर्वेक्षण में सभी आवेदकों को मिलेगा काम
प्राप्त आवेदनों के आधार पर सभी आवेदकों को प्राथमिक स्तर पर काम सौंपा जाएगा। इसके अलावा, किसी भी उम्र या शैक्षणिक योग्यता के भूमिस्वामी या कृषक स्वेच्छा से अपने खेत का डिजिटल फसल सर्वेक्षण कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा।
सर्वेक्षणकर्ताओं को मिलेगा प्रशिक्षण
सर्वेक्षणकर्ताओं (Digital Crop Survey in CG) को तहसील स्तर पर राजस्व निरीक्षक मण्डल द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। यदि सर्वेक्षणकर्ता में परिवर्तन होता है, तो नए सर्वेक्षणकर्ताओं को भी आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।
इसके अलावा, सर्वेक्षणकर्ताओं को प्रतिदिन उनके ग्रामवार फसल सर्वेक्षण कार्य के लिए खसरों का आबंटन तहसीलदार या अधिकृत अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया जाएगा।
सर्वेक्षकों को पहले दिन मिलेंगे 25 खसरे
पहले दिन प्रत्येक पात्र आवेदक को 25 खसरे सौंपे जाएंगे। इसके बाद, सर्वेक्षक की कार्य प्रगति और गुणवत्ता के आधार पर अगले दिन के लिए नए खसरे आबंटित किए जाएंगे।
सर्वेक्षण की कार्य कुशलता को देखते हुए, किसी दिन विशेष में बार-बार खसरे आबंटित किए जा सकते हैं। यह आबंटन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के सिद्धांत पर किया जाएगा, जिससे सर्वेक्षकों को उनकी क्षमता के अनुसार काम मिलेगा।
सर्वेक्षकों को मिलेगा मानदेय
प्रत्येक सर्वेक्षणकर्ता को प्रति खसरा 10 रुपये का मानदेय दिया जाएगा, जो सही सर्वेक्षण और अपलोड करने के बाद स्वीकृत होने पर आधार-संबद्ध बैंक खातों के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।
हालांकि, यदि कोई खातेदार स्वयं अपने खाते का सर्वेक्षण करता है, तो उन्हें कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा।
सर्वेक्षण कार्यों की होगी सख्त निगरानी
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प्रत्येक दिन हल्का पटवारी द्वारा कार्यों का पर्यवेक्षण किया जाएगा।
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सर्वेक्षणकर्ता द्वारा की गई प्रविष्टियों का राजस्व निरीक्षक द्वारा 2 दिनों के भीतर सत्यापन किया जाएगा।
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तहसीलदार या नायब तहसीलदार द्वारा कार्यों की जांच अतिशीघ्र की जाएगी।
इस तरह, डिजिटल फसल सर्वेक्षण के तहत किए जाने वाले कार्यों में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की जाएगी।
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