हाइलाइट्स
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अनजान कॉल से सावधान
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डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन फ्रॉड
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इंदौर में डिजिटल अरेस्ट केस
Digital Arrest: आजकल डिजिटल अरेस्ट ठगी का नया जरिया बन गया है। बंसल न्यूज डिजिटल आपको सावधान कर रहा है। बदमाश फोन कॉल के जरिए पुलिस और CBI का डर दिखाकर पैसे ऐंठते हैं। ऐसे फोन कॉल से सावधान रहने की जरूरत है।
इंदौर के राजेंद्र नगर का केस
इंदौर के राजेंद्र नगर के एक शख्स के बेटे पर रेप का केस लगाने की बात कहकर पैसे मांगने का दबाव बनाया। फोन पर अरेस्ट की धमकी दी गई। ये शख्स जागरुक थे इसलिए ठगों के जाल में नहीं फंसे। आपको बता दें कि इंदौर में डिजिटल अरेस्ट के अब तक 4 मामले आ चुके हैं।
फेक कॉलर और शख्स के बीच फोन पर हुई बातचीत
MP News: ये खबर जानना जरुरी है…फेक कॉलर से सावधान, रुपये ऐंठने वाला स्कैम, कहीं आप ना बन जाएं शिकार#MadhyaPradesh #MPNews #BreakingNews #cyberfraud #fackcaller pic.twitter.com/SXwrRHkoVZ
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) July 15, 2024
फेक कॉलर- आयुष कौन है ?
पिता- कहां से बोल रहे हो ?
फेक कॉलर- पुलिस लाइन से बोल रहा हूं।
पिता- हां मेरा बेटा है, बताएं।
फेक कॉलर- आपको मालूम है आपके बेटे ने क्या किया है ? आपके बेटे और 3 दोस्तों ने मिलकर रेप किया है।
फेक कॉलर- लड़की सीरियस है। उसकी डेथ होने वाली है। आपका बेटा अरेस्ट होने वाला है। आपका बेटा बोल रहा है कि दोस्तों ने उसे फंसाया है। अभी तक हमने कोई FIR नहीं की है। तो अभी इसका क्या करना है। इसको क्लीयर करवा रहे हैं या FIR करवा दें। FIR हो गई तो आपका बेटा किसी काम का नहीं रहेगा। आपके बेटे का करियर खराब हो जाएगा। कोर्ट जाओगे तो 5-6 साल होगी। 12 लाख जुर्माना लग सकता है।
पिता- अच्छा।
फेक कॉलर- आप कुछ सेवा करेंगे तो बेटे को छोड़ देंगे।
पिता- क्या चाह रहे हैं आप ?
फेक कॉलर- अपना नंबर दे रहा हूं, फोन पे, गूगल पे ऑन करें।
पिता- कितना भेजना है वो तो बताओ, मैं व्यवस्था देखूं।
फेक कॉलर- 4 ऑफिसर हैं, सबके 10 हजार देने हैं।
पिता- बस।
फेक कॉलर- 40 हजार में आपके बेटे को क्लीयर कर देंगे।
पिता- अरे यार, 12 लाख के 40 हजार, समझ रहे हो आप। कम से कम 4 लाख तो लो।
क्या है डिजिटल अरेस्ट ?
डिजिटल अरेस्ट साइबर ब्रॉड का नया तरीका है। इसमें लोगों को फंसाने के लिए ब्लैकमेलिंग का खेल खेला जाता है। डिजिटल अरेस्ट में साइबर फ्रॉड करने वाले कॉल या वीडियो कॉल के जरिए आप पर हावी होते हैं। कई बार आपको घर में बंधक बना लिया जाता है। ठग आपको पुलिस अधिकारी बनकर फोन करते हैं। फिर कहा जाता है कि आपके डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल गैरकानूनी काम के लिए हुआ है। फिर आपको गिरफ्तारी का डर दिखाकर घर में कैद कर दिया जाता है। जमानत के नाम पर आपसे पैसे मांगे जाते हैं।
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डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें ?
जांच एजेंसी या पुलिस आपको कॉल करके धमकी नहीं देती है।
जांच एजेंसी या पुलिस कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करती है।
अगर आपको डराने-धमकाने के लिए कॉल आते हैं तो आप तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। या फिर 1930 नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं।
आप X पर @cyberdost के जरिए भी शिकायत कर सकते हैं।
किसी के डराने-धमकाने पर खुद को घर में कैद न करें।