पुणे। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनकी सरकार की नयी आबकारी नीति की निंदा की है और लिखा है कि मुख्यमंत्री ‘सत्ता के नशे में चूर लगते हैं’। हजारे ने यह भी कहा है कि एक ऐतिहासिक आंदोलन को नुकसान पहुंचाने के बाद जन्मी पार्टी अब दूसरे दलों के रास्ते पर है, जो पीड़ादायी है। हजारे ने कहा कि नयी नीति से शराब की बिक्री और खपत को बढ़ावा मिलेगा तथा भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा। दिल्ली के उप राज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले महीने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
नई आबकारी नीति पर होता है दुःख
हजारे ने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने गांव रालेगण सिद्धि में पूरी तरह शराब प्रतिबंध का हवाला देते हुए अपने पूर्व सहयोगी केजरीवाल को उनकी पुस्तक ‘स्वराज’ के बारे में याद दिलाया जिसमें शराब पर पाबंदी की वकालत की गयी है। इस किताब की प्रस्तावना हजारे ने ही लिखी है। उन्होंने केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें पहली बार पत्र लिखा है और कहा कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के बारे में खबरें पढ़कर उन्हें दुख होता है।
बिक्री और खपत बढ़ जाएगी
उन्होंने कहा, ‘‘आपने किताब में कई आदर्शवादी बातें लिखी हैं। सभी को आपसे उम्मीदें थीं, लेकिन ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद, आप आदर्श भूल गये और इसलिए दिल्ली सरकार नयी आबकारी नीति लाई।’’ हजारे ने लिखा कि ऐसा लगता है कि नयी नीति से शराब की बिक्री और खपत बढ़ जाएगी तथा कहीं भी शराब की दुकानें खोली जा सकती हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘इस नीति से भ्रष्टाचार बढ़ेगा और यह जनता के बिल्कुल भी हित में नहीं है। लेकिन फिर भी आपने नयी शराब नीति लाने का फैसला किया। शराब के नशे की तरह सत्ता का नशा होता है और ऐसा लगता है कि आप इसमें चूर हो।
आपकी कथनी और करनी में अंतर है
’’ हजारे ने कहा कि नीति दिखाती है कि एक ऐतिहासिक आंदोलन को नुकसान पहुंचाने के बाद जन्मी पार्टी अब दूसरे दलों के रास्ते पर है, जो पीड़ादायी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल लोकपाल और लोकायुक्त कानून के बारे में भूल गये। हजारे ने कहा, ‘‘आपने एक मजबूत लोकायुक्त कानून लाने का कोई प्रयास नहीं किया, लेकिन इसके बजाय दिल्ली सरकार शराब पर एक नीति लाई है जो लोगों के जीवन को बर्बाद करती है और महिलाओं को प्रभावित करती है। यह दिखाता है कि आपकी कथनी और करनी में अंतर है।