कंटेंट राइटर – विशालाक्षी पंथी
PCOS Diet Plan:WHO (world health organization) के मुताबिक रिप्रोडक्टिव एज की 8-13% महिलाएं PCOS से परेशान हैं। हैरानी की बात ये है, दुनियाभर में PCOS के 70% मामलों का डायग्नोसिस नहीं हुआ है। महिलाओं में PCOS (Polycystic ovary syndrome) होने का कारण हार्मोनल इंबैलेंस है।
PCOS एक एंडोक्राइन एब्नार्मेलिटी है। इससे ओवेरियन सिस्ट, इर्रेगुलर पीरियड्स, शरीर और चेहरे पर बाल, इंसुलिन रेजिस्टेंस और मोटापा हो सकता है। महिलाओं को PCOS के दौरान मोटापा या वजन कम करने में बहुत परेशानी होती है। ऐसे में सही डाइट प्लान और सही डाइट की जानकारी होना बहुत जरूरी है।
PCOS में वजन कम करने के लिए डाइट प्लान
सुबह सबसे पहले एक गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्मच मेथी दाना और दालचीनी डालकर पियें। साथ ही 4-5 रात को भिगोए हुए बादाम और 2 अखरोट खाएं।
नाश्ते में एक कटोरी उपमा या ओट्स या सांभर के साथ रागी इडली या डोसा खाएं। इसके अलावा आप मूंग दाल का चीला और एक गिलास कम फैट वाला दूध भी पी सकती हैं।
मिड मॉर्निंग में करीब 10 बजे एक कप ग्रीन टी, एक फल और मिक्स्ड सीड्स लें।
लंच में आप 1 कटोरी मिक्स वेज कचुम्बर सलाद, 1 मिस्सी रोटी या ज्वार की रोटी या मल्टीग्रेन रोटी या ब्राउन राइस के साथ हरी पत्तेदार सब्जी और एक कटोरी दाल या पनीर की सब्जी खाएं।
इवनिंग स्नैक्स में 1 कप ग्रीन टी, 2-3 पीस ढोकला या ग्रिल्ड टोफू या 1 उबला अंडा खाएं। इसके अलावा आप भुने हुए चने या स्प्राउट्स की चाट भी खा सकती हैं।
डिनर में आप एक 1 कटोरी वेज सूप, 1 कटोरी वेज सलाद, 1 कटोरी ब्राउन राइस या वेज क्विनोआ पुलाव या वेज दलिया या एक कटोरी दाल या चिकन करी और एक कटोरी कम फैट वाला दही खाएं।
सोने से पहले 1 गिलास गुनगुने पानी में थोड़ी सी हल्दी और काली मिर्च मिलाकर पियें।
इस डाइट प्लान को फॉलो करके आप PCOS में वजन कम कर सकती हैं। इसके अलावा ये जानना भी जरूरी है कि कौन सी डाइट आपको PCOS वेट लॉस में मदद कर सकती है।
बेस्ट PCOS वेट लॉस डाइट
PCOS में वजन कम करने के लिए किसी एक डाइट को पूरी तरह परफेक्ट या बेस्ट कहना सही नहीं होगा। लेकिन लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट, हाई प्रोटीन डाइट और एंटी-इंफ्लेमेशन डाइट आपके PCOS में वेट लॉस में मदद कर सकती हैं।
लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स डाइट अलग-अलग फूड्स से मिल रही शुगर से बढ़ रहे ब्लड शुगर लेवल को मापती है। ये डाइट हाई-फैट वाले मीट, साबुत अनाज, लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स, नॉन-स्टार्ची वेजटेबल्स, वनस्पति तेल से भरपूर है। इसके अलावा ये डाइट प्रतिदिन 500 कैलोरी कम करने में मदद करती है।
हाई-प्रोटीन डाइट से PCOS में कैलोरी रिस्ट्रिक्शन के बिना ही बॉडी वेट कम करने में मदद मिलती है। 6 महीने के एक ट्रायल के मुताबिक जिन महिलाओं ने ज्यादा प्रोटीन का सेवन किया उनका करीब 10 पाउंड वजन कम हुआ है। पर्याप्त प्रोटीन के लिए आप एक कप कुक्ड लेंटिल्स, चिकन, फिश और एग व्हाइट खा सकती हैं।
एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट में सब्जियां, फल, लीन प्रोटीन, नट्स, सीड्स और हेल्दी फैट शामिल हैं। हालांकि आपको पैकेज्ड फूड, मीठा और ज्यादा नमक वाला खाना और प्रोसेस्ड रेड मीट खाना कम करना होगा।
ये तीन डाइट आपको PCOS में वजन कम करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि जितना जरूरी आपके लिए वजन कम करना है उतना ही जरूरी है कि आप PCOS के सभी लक्षणों को ठीक से समझें। इससे आपको सही ट्रीटमेंट लेने में मदद मिलेगी।
महिलाओं में PCOS के लक्षण
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लक्षण हर महिला में अलग हो सकते हैं। समय के साथ इन लक्षणों में बदलाव भी देखे जा सकते हैं। PCOS के कुछ आम लक्षणों में शामिल हैं; इर्रेगुलर पीरियड्स, इन्फर्टिलिटी, मुंहासे या ऑयली स्किन, चेहरे और शरीर पर ज्यादा बाल आना, मेल पैटर्न बाल्डनेस या बालों का पतला होना और खासकर पेट के आसपास वजन बढ़ना।
इसके अलावा PCOS पीड़ित में कई दूसरी हेल्थ कंडीशन भी देखी जा सकती हैं। जैसे- टाइप 2 डायबिटीज, हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर), हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट डिजीज और एंडोमेट्रियल कैंसर हो सकते हैं। PCOS महिलाओं में एंजाइटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थितियों का कारण भी बनता है।
महिलाओं के चेहरे और शरीर पर ज्यादा बाल आना और मोटापा सोशल स्टिग्मा या सामाजिक कलंक का कारण बनता है। इससे वे पारिवारिक, काम और रिश्तों में अपनी पूरी भागीदारी नहीं दे पाती हैं।
PCOS का इलाज
हालांकि PCOS का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए उपचार जरूर हैं। जिन महिलाओं के इर्रेगुलर पीरियड्स हैं, चेहरे पर बाल और मुंहासे हैं और उन्हें प्रेग्नेंट होने में दिक्कत हो रही है WHO उन्हें हेल्थकेयर एक्सपर्ट से मिलने की सलाह देता है।
WHO के मुताबिक PCOS के कुछ लक्षण लाइफस्टाइल में बदलाव करके ठीक किए जा सकते हैं। साथ ही हेल्दी डाइट से वजन कम करने और टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क कम करने में मदद होती है।
इसके अलावा WHO बताता है कि बर्थ कंट्रोल दवाएं जैसे कॉन्ट्रासेप्टिव पिल लेने से मेंस्ट्रुअल साइकिल को रेगुलेट किया जा सकता है। इसके साथ ही PCOS के कारण इंफर्टिलिटी के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव, दवाएं और ओव्युलेशन को रेगुलर करने के लिए सर्जरी की मदद ले सकती हैं।