Diamond Rain : आपने सुना होगा कि आसमान से सोने की बारिश होगी, आग की बारिश होगी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आसमान से हीरों की भी बारिश (Diamond Rain) होती है। नहीं न, लेकिन ये सच है आसमान से हीरों की बारिश (Diamond Rain) होती है। यह कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। लेकिन आपको बता दें कि ब्रह्मांड में दो ऐसे ग्रह हैं जहां हीरों की बारिश (Diamond Rain) होती है। दरअसल, ऐसा ब्रह्मांड के वायुमंडल में होने वाली परिस्थितियों की चलते होता है।
हमारे सोलर सिस्टम में आठ ग्रह हैं, जिनमें से मंगल और शनि जैसे बड़े ग्रह ही प्रमुख चर्चा में बने रहते है। लेकिन आज हम आपको दो ऐसे ग्रहों के बारे में बताने जा रहे है जिनके बारे में सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। यूरेनस और नेप्ट्यून पर मौजूद वातावरण ऐसा है कि यहां पर हीरों की बारिश (Diamond Rain) होती है। इन ग्रहों पर हीरों की बारिश (Diamond Rain) के पीछे साइंस है।
यूरेनस – यूरेनस पृथ्वी से करीब 17 गुना बड़ा है। यहां वातावरण के दबाव के कारण मौजूद मीथेन गैस से हाइड्रोजन अलग हो जाती है और कार्बन हीरे में बदल जाता है और फिर इन्हीं हीरों की बारिश (Diamond Rain) होती हैं
नेपट्यून – नेपट्यून पृथ्वी से 15 गुना बड़ा हैं यहां मीथेन गैस जमी हुई रहती है। इसके बादल उड़ते हैं। सूरज से नेपट्यून की दूरी सबसे ज्यादा है। यहां तापमान 200 डिग्री सेल्सियस है.। यहां करीब 2,500 किलेमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलती हैं और वायुमंडल में संघनित कार्बन होने की वजह से यहां हीरों की बारिश (Diamond Rain) होती है। इन ग्रहों से पृथ्वी की दूरी और वहां की परिस्थितियों के कारण वहां पर जाना असंभव है और कोई चाहकर भी हीरों को हासिल नहीं कर सकता है। कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि शनि ग्रह पर भी ऐसा ही होता है लेकिन यहां पर उच्च तापमान और वायुमंडलीय दबाव के कारण यह चमकदार हीरे कड़े ग्रेफाइट में बदल जाते हैं।