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हाइलाइट्स
- धीरेंद्र शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा पर विवाद
- दलित पिछड़ा समाज संगठन करेगा हाईकोर्ट में याचिका
- पदयात्रा को बताया गया गैर-संवैधानिक और सांप्रदायिक
Sanatan Ekta Padyatra Controversy: मध्य प्रदेश में 7 नवंबर को छतरपुर से निकलकर बागेश्वर धाम तक चलने वाली धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन एकता पदयात्रा’ पर एक बार फिर सियासत गरमा चुकी है। इस यात्रा का विरोध कर रहे दलित पिछड़ा समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दामोदर यादव ने सोमवार को दिल्ली के हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की घोषणा की है। याचिका में पदयात्रा को “गैर-संवैधानिक” और “साम्प्रदायिक” कहकर रोके जाने की मांग उठाई गई है।
पदयात्रा का उद्देश्य और विरोध
धीरेंद्र शास्त्री ने इस यात्रा का नाम “हिंदू एकता–सनातन एकता यात्रा” रखा है और उन्होंने इसे हिंदू राष्ट्र की स्थापना के समर्थन में बताया है। दामोदर यादव का आरोप है कि यह यात्रा संविधान विरोधी है क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। उन्होंने कहा: “हमारे संगठन और भीम आर्मी एवं आजाद समाज पार्टी का मानना है कि इस देश को किसी एक धर्म का नहीं बनाया जा सकता। अगर कोई ऐसा प्रयास करेगा, तो वह गैर-संवैधानिक होगा।”
दामोदार यादव ने ये भी बताया कि उनके संगठन ने 20 अक्टूबर को राष्ट्रपति को चिट्ठी एवं ई-मेल भेज इस पदयात्रा को रोके जाने की अपील की है। उन्होंने यह भी बोला है कि कि अगर अगले दो दिनों में इस मामले पर कोई हल नहीं निकलता है, तो सोमवार 3 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
विरोध की रणनीति: ज्ञापन, धरना व पुतला दहन
यादव ने कहा है कि 2 से 6 नवंबर के बीच मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों में पदयात्रा के खिलाफ धरना, आंदोलन और पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। खास तौर पर 3 नवंबर को भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर प्रदर्शन होगा और बाद में राजभवन में ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर शांति चाहते हैं, तो यह यात्रा रुकनी चाहिए।
शास्त्री पर गंभीर आरोप
दामोदर यादव ने धीरेंद्र शास्त्री पर गंभीर लगाते हुए कहा कि,"शास्त्री ने हरियाणा के एक मंच से यादव को गालियां दीं और “ठठरी बार” मारने की धमकी दी। ठठरी बार का अर्थ स्थानीय बोली में ‘जला देना’ होता है। उन्होंनें पंडित धीरेंद्र शास्त्री को भू माफिया भी कहा और दावा किया कि डबरा में शुगर मिल की जमीन पर चर्च/मंदिर खोला है।
यादव ने कहा: “किसी ऐसी भाषा में संत नहीं बोलते जो जात-पातियों को बांटे, नफरत फैलाएं।” उन्होंने यह भी पूछा कि शास्त्री खुद दूसरी जाति की बेटी से विवाह करके दिखाएँ और तब ‘जाति हटाओ’ का दावा करें।
यात्रा को साधु-संतों ने भी समर्थन नहीं दिया
यात्रा को धार्मिक पृष्ठभूमि से देखते हुए कई साधु-संतों ने भी इसकी निंदा की है और इस बात पर चिंता जताई है कि यह पदयात्रा देश के सामाजिक धागे को कमजोर कर सकती है। “यह देश के ताने-बाने को बिगाड़ने वाली गतिविधि है,” एक संत ने कहा।
Bhopal Suicide Case: महिला ने खुद को आग लगाकर किया सुसाइड, पति के मर्डर केस में पैरोल पर आई थी, एक कॉल आया और…
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भोपाल शहर के करोंद इलाके में की पंचवटी कॉलोनी से एक महिला के सुसाइड का मामला सामने आया है।
सुसाइड करने वाली महिला अपने पति की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रही थी। हाल ही में वह पैरोल पर बाहर आई थी। घर के बाहर उसने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। गंभीर रूप से जली महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
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