Dewas police custody Death: मध्यप्रदेश के देवास जिले के सतवास में शनिवार को हुई पुलिस हिरासत में एक युवक की संदिग्ध मौत के बाद हंगामा हो गया। हालांकि, मामले में थाने के टीआई को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं गुस्साए परिजन ने शनिवार देर रात को थाने का घेराव किया। रविवार को भी धरना प्रदर्शन जारी है। परिजन के समर्थन में कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी के नेता भी आ गए हैं।
घटना स्थल अर्थात थाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के पहुंचने से मामला और गर्मा गया है। उन्होंने पूरे थाना स्टाफ को बर्खास्त करने की मांग की है। वहीं परिजन की मांग है कि 25 लाख रुपए मुआवजा, मृतक के दो बच्चों के नाम पर 11 एकड़ जमीन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
थाना टीआई आशीष राजपूत सस्पेंड
इससे पहले पुलिस ने कुछ परिजन और आजाद समाज पार्टी के नेता सुनील अस्ते के साथ थाने में बैठकर बातचीत की। एडिशनल एसपी ने उन्हें समझाया कि हर स्तर पर जांच हो रही है। सतवास थाना प्रभारी आशीष राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया है। सारी कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है।
परिजन बोले- 5 फीट की खिड़की में फांसी लगाना असंभव
थाने के सामने जंगी धरना-प्रदर्शन के बीच पुलिस, परिजन को शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी करवाने का प्रयास कर रही है। परिजन को वो कमरा भी दिखाया गया जहां मुकेश ने फांसी लगाई थी। पुलिस ने कुछ सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए हैं। कमरा और वह खिड़की देखने के बाद परिजन असंतष्ट दिखे। उनका कहना है कि 5 फीट की खिड़की में फांसी लगाना संभव नहीं है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, माला गांव के रहने वाले मुकेश पिता गबूलाल लोंगरे (35) के खिलाफ एक महिला ने 26 दिसंबर को मारपीट और गाली-गलौज की शिकायत की थी। इसी मामले में पुलिस ने शनिवार दोपहर में मुकेश को हिरासत में लिया था। शाम को ही उसकी मौत हो गई। जिसमें बताया गया कि मुकेश ने फांसी लगाकर सुसाइड किया है।
मृतक के भांजे ने लगाए गंभीर आरोप
मुकेश के भांजे शिवराम ने पुलिस पर रिश्वत लेने और हत्या करने का आरोप लगाया। शिवराम ने बताया कि शनिवार शाम 4 बजे दो पुलिसवाले मामा को हमारे सामने लेकर गए थे। हमारे सामने ही उनके साथ मारपीट की गई। थाने पहुंचे तो ASI सिद्धनाथ सिंह बैस ने 6 हजार रुपए की मांग की। हम पैसे लेकर थाने पहुंचे तो मामा को मृत हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा था।
कांग्रेस ने की पूरा थाने को बर्खास्त करने की मांग
पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले ने सियासत भी शुरू हो गई है। धरना-प्रदर्शन के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा परिजन मिलने पहुंच गए। जीतू पटवारी ने थाना के पूर्व स्टॉफ को बर्खास्त करने की मांग की। जीतू पटवारी ने कहा कि पूरा थाना जब तक बर्खास्त नहीं होता मैं यहां से नहीं उठने वाला, चाहे पुलिस मुझे जेल में डाल दे। मैं वहां भी बिना कुछ खाए आमरण अनशन करूंगा।
परिजन ने लगाया रिश्वत का आरोप
मुकेश के परिजन ने आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने धाराएं कम करने के लिए 6 हजार रुपए मांगे थे। मुकेश के साथ थाने में मौजूद एक साथी रुपए की व्यवस्था करने घर गया था। पैसे लेकर वह लौटा तब तक मुकेश की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने बिना जानकारी दिए मुकेश के शव को सतवास अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया और बाहर से ताला लगा दिया।
शनिवार रात को भी परिजन का हंगामा
मुकेश के परिजन और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार रात को भी थाने पहुंचकर हंगामा किया था। बाद में मामला बिगड़ते देख आसपास के थानों से भी पुलिस बल बुलाया गया।
ये भी पढ़ें: भोपाल में दो हादसों में दो इंजीनियर की मौत: नई जेल रोड पर ई-रिक्शा पलटने से एक की मौत, दूसरे की बिलखिरिया में गई जान
गमछे से फांसी लगाने का प्रयास किया
एसपी पुनीत गेहलोद ने बताया कि मुकेश के खिलाफ 26 दिसंबर को एक महिला ने शिकायती आवेदन दिया था। इसके बाद शाम 6 बजे वो थाने में हाजिर हुआ। उसके बयान लिए गए। थाना प्रभारी बयान पढ़ रहे थे। इसी दौरान अपने गले में बंधे गमछे को ग्रिल से बांधकर फांसी लगाने की कोशिश की। स्टाफ ने जैसे ही देखा फंदा खोलकर पुलिस मोबाइल वाहन से सरकारी अस्पताल ले गए। जांच के बाद डॉक्टर ने मुकेश को मृत घोषित कर दिया।