देवास। चोरी की शंका को लेकर देवास (Dewas kannod) में पिटाई का मामला सामने आया है। जिले के कन्नौद थाना क्षेत्र में 28 अगस्त रात को 35 वर्षीय ड्राइवर (Driver) मनीराम नामक युवक कन्नौद (dewas kannod) थानांतर्गत ग्राम मालजीपुरा में शराब पीने रुका था। इस दौरान युवक को चोरी के शक में छगनलाल मीणा व उसके तीन बेटे अजय, राजेश व जयप्रकाश ने एक खंबे से बांधकर मनीराम से मारपीट की। युवक ने कहा कि उसने कोई चोरी नहीं की है लेकिन आरोपियों ने उसकी सुनी और बुरी तरह से जख्मी कर दिया। हद तो तब हुई जब उन्होंने घायल मनीराम को कई घंटों तक खंभे से बांधे रखा।
पुलिस ने बनाया वीडियो
पुलिस को जब इस घटना का पता चला तो मौके पर जाकर उस युवक को अपनी कस्टडी में लिया। इसके बाद उपचार के लिए युवक को अस्पताल में भर्ती करवाया। अब देवास (Dewas kannod) का वीडियो वायरल हो रहा है। ये लापरवाही का नमूना है। वीडियो में कुछ लोग युवक को खंभे से बांधकर पीट रहे हैं। पुलिस (Police) ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन फिर युवक की लाश सड़क किनारे पड़ी मिली। अब सोशल मीडिया पर मामला गर्माया हुआ है। युवक की आरोपियों ने बुरी तरह से पिटाई की। खबर के बाद कन्नौद थाना पुलिस (Police) मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटना का वीडियो बनाने के साथ घायल युवक को इलाज के लिए अस्पताल (Hospital) में भर्ती करवा दिया लेकिन उसके बाद क्या हुआ इस बारे में जांच की जा रही है।
पुलिस कस्टडी से कैसे गायब हुआ युवक
युवक की लाश मिलने का बाद अब इस घटना में नया मोड़ आ गया है। एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि मनीराम उपचार के दौरान अस्पताल से भाग गया था। अस्पताल में भर्ती के जब 3 दिन बाद 1 अगस्त को मनीराम का शव संदिग्ध अवस्था में एक पुलिया के नीचे मिला तो मनीराम के साथ हुई मारपीट को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे। पुलिस ने 2 अगस्त को मारपीट करने वाले छगनलाल मीणा व उसके तीन बेटों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अब सवाल यह है कि जब मनीराम के साथ 28 अगस्त की रात को बेरहमी से मारपीट हुई थी तो उसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया। युवक जब पुलिस कस्टडी में था तो, वह अस्पताल से कैसे गायब हो गया और उसकी मौत कैसे हुई।