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Dewas Tehsildar Bribe Case: एमपी के सरकारी दफ्तरों में टेबल टेबल रिश्वतखोरी का खेल चल रहा है। शुक्रवार को 3 जगहों से रिश्वतखोरी के मामले सामने आए हैं। देवास जिले के सोनकच्छ तहसीलदार और उनके बाबू को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा है। उज्जैन लोकायुक्त टीम ने शुक्रवार शाम सोनकच्छ तहसील कार्यालय में कार्रवाई करते हुए तहसीलदार मनीष जैन और उनके कार्यालय के बाबू जय सिंह को प्लॉट नामांतरण के बदले सात हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। वहीं दमोह में सहकारिता विभाग के ऑडिटर को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने दबोच लिया है। इधर इंदौर में भी नगर निगम का सहायक दरोगा घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।
तहसीलदार साहब ने नामांतरण के लिए मांगा घूस
दरअसल सोनकच्छ तहसीलदार के खिलाफ कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रवींद्र दांगिया ने शिकायत दर्ज कराई थी। दांगिया ने लोकायुक्त को बताया कि सोनकच्छ के पास स्थित सांवेर गांव में एक प्लॉट के नामांतरण के लिए तहसीलदार के अधीनस्थ कर्मचारियों ने सात हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त ने शिकायत की सत्यता की जांच के बाद कार्रवाई की योजना बनाई।
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रिश्वतखोर तहसीलदार मनीष जैन[/caption]
शुक्रवार को तहसीलदार मनीष जैन खाद वितरण व्यवस्था का निरीक्षण करने वेयर हाउस गए थे। वापसी पर फरियादी दांगिया ने बाबू जय सिंह को सात हजार रुपये दिए, जिसे बाबू ने तहसीलदार को सौंपा। इसके तुरंत बाद लोकायुक्त टीम ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया। बाबू जय सिंह तहसील कार्यालय में अटैच प्राथमिक शिक्षक हैं। लोकायुक्त ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है।
सागर में ऑडिटर ने गड़बड़ी न निकालने के लिए मांगी रिश्वत
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सहकारिता विभाग का ऑडिटर रमेश प्रसाद कोरी[/caption]
सहकारिता विभाग के ऑडिट अधिकारी रमेश प्रसाद कोरी को लोकायुक्त सागर की टीम ने शुक्रवार शाम 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह रिश्वत खिरिया मंडला सेवा सहकारी समिति के ऑडिट में कोई कमी न निकालने के बदले मांगी गई थी। समिति के प्रबंधक जीवनलाल पटेल ने लोकायुक्त सागर में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि ऑडिट अधिकारी ने उनसे रिश्वत की मांग की। जांच के बाद लोकायुक्त टीम ने दमोह सहकारिता कार्यालय में कार्रवाई की और अधिकारी को 15 हजार रुपये लेते हुए पकड़ा।
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इंदौर में सैलरी निकलवाने के लिए रिश्वत की मांग
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नगर निगम सहायक दरोगा रोहित पथरोड[/caption]
इंदौर में शुक्रवार को लोकायुक्त ने नगर निगम के सहायक दरोगा को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। वह एक कर्मचारी से वेतन के भुगतान के बदले रिश्वत मांग रहा था। वार्ड 79 के जोन 21 में रोहित पथरोड सहायक दरोगा के पद पर कार्यरत हैं। कर्मचारी यश चावरे ने लोकायुक्त को शिकायत दी थी, जिसमें बताया कि वह रेग कीपर के पद पर कार्यरत है और नवंबर और दिसंबर का वेतन निकालने के साथ-साथ रेग कीपर के पद पर रहते हुए ड्राइविंग करने के लिए 5 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी।
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