मऊगंज। अब आपको लेकर चलते हैं भगवान शिव के ऐसे धाम जहां शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद ही चार धाम की यात्रा पूरी मानी जाती है रीवा के मऊगंज में स्थित देवतलाब नाम से प्रसिद्ध इस धाम में सावन के पवित्र महीने में श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में देखी जाती है।
हजारों भक्त पहुंचते हैं मंदिर
शिव, शंकर, आशुतोष, नीलकंठ और देवों के देव महादेव जिनके अनेक नाम जिनकी असीम शक्तियां। सृष्टि के संघारक शिव भक्तों के उद्धारक शिव का सबसे प्रिय मास सावन जिसमें भगवान भोलेनाथ माता पार्वती के साथ पृथ्वी पर अपने भक्तों की बीच वास करते हैं और देवाधिदेव महादेव के भक्त अपने भगवान का आशीर्वाद पाने शिवालयों में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
एक ऐसा ही औघड़दानी का धाम स्थित है रीवा के मऊगंज में देवतलाब नाम से प्रसिद्ध ये धाम दशकों से भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। जहां सावन के पवित्र महीनें में हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।
एक रात में बनाया था मंदिर
पौराणिक मान्यातों के अनुसार देवतालाब का ये ऐतिहासिक शिव मंदिर भगवान विश्वकर्मा ने एक रात में ही सिर्फ एक ही पत्थर से बनाया था वहीं इस मंदिर के गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग का रंग सुबह दोपहर शाम बदलता रहता है जो अपने आप में अविश्वसनीय है।
जल चढ़ाने मात्र से पूरी होती है चार धाम यात्रा
भगवान शिव के इस धाम में एक मान्यता जुड़ी है। जिसमें माना जाता है कि चारों धाम की यात्रा के बाद अगर देवतलाब स्थित शिवलिंग में जल नहीं चढ़ाया गया तो चार धाम की यात्रा अधूरी मानी जाती है।भगवान शिव के इस धाम में सच्ची श्रद्धा के साथ पहुंचे हर भक्त की मनोकामना भगवान भोलेनाथ जरुर पूरी करते हैं और भोले का हर भक्त जय कारा लगाता है जय हो शिव शंभू जय हो भोले नाथ
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