गरियाबंद/हिमांशु सांगाणी। गरियाबंद मछलियों को जाल में देखकर मछुआरे खुश हो जाते हैं, लेकिन एक मछली ऐसी है, जिसको लेकर वह यही सोचते हैं कि वह उनके जाल में न फंसे। भारत में इन दिनों ऐसी मछलियों को लेकर चिंता बढ़ गई है। पहले यूपी, एमपी ,बिहार और छत्तीसगढ़ में एक बाद एक इस मछली के मिलने से लोगों की टेंशन बढ़ गई है। मछुआरे अपने जाल में मछली को फंसाने के लिए कई तरीके अपनाते है, लेकिन एक ऐसी मछली है जिसको जाल में देखते ही भारतीय मछुआरे डर जाते हैं। ऐसी ही एक मछली गरियाबंद के पंटोरा की पैरी नदी में एक ग्रामीण को मिली है इसको सकर माउथ कैटफिश कहते हैं।
बता दें कि यह मछली भारत से हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है। इसे सकर माउथ कैटफिश कहा जाता है। एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में इन मछलियों का मिलना ठीक नहीं हैं और इनका असली घर भारत की नदियां नहीं है। इस मछली की चार आंखें होती हैं। साथ ही इसमें एयरोप्लेन के आकार के पंख दिखाई पड़ते हैं। आमतौर पर मछलियों का आकार ऐसा नहीं होता है। जानकारों का कहना है कि यह मछली पूरी तरह मांसाहारी होती है। नदी में इस मछली के पहुंचने का मतलब होता है कि यह दूसरे जीव-जंतुओं के लिए खतरा पैदा कर देगी। क्योंकि यह मछली मांसाहारी होती है और दूसरे जीव-जंतुओं को खाकर ही यह जीवित रहती है। इसके कई कलर होते हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक इस मछली का मिलना नदी के इकोसिस्टम के लिए भी चिंताजनक है। यह मछली आसपास के जीव जंतुओं को खाकर जिंदा रहती है। यह अपने पास किसी दूसरे जीव या मछली को जिंदा नहीं रहने देती। दूसरे के लिए यह खतरनाक तो है ही साथ है मार्केट में इस फिश की कोई वैल्यू भी नहीं है। इसे लोग खाना पसंद नहीं करते और खाने से डरते हैं। यह मछली बिल्कुल बेस्वाद होती है। मछुआरों के जाल में जब यह मछली आती है तो वह भी डर जाते हैं क्योंकि यह उनके किसी खास काम की नहीं वहीं दूसरी मछलियां कम मिलने का खतरा पैदा हो जाता है।