हाइलाइट्स
- वामपंथी संगठनों ने डीएवीवी के सर्वर का दुरुपयोग किया।
- AIUEC की वेबसाइट विवि के सर्वर से संचालित हो रही थी।
- कुलगुरु ने मामले की गहन तकनीकी जांच की बात कही है।
Indore DAVV Server Hacked: इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के इंटरनेट सर्वर में वामपंथी संगठनों ने सेंधमारी कर दी। इतना ही नहीं सर्वर और आईपी एड्रेस से अपनी वेबसाइट का संचालन करते करते रहे। मामले में खुलासे के बाद विवि प्रशासन में हड़कंप मच गया है। दिल्ली में AIUEC (ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी एम्प्लाइज कॉन्फेडरेशन) द्वारा केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ संसद पर प्रदर्शन की तस्वीरें DAVV के सर्वर से ही वेबसाइट पर अपलोड की गईं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह वेबसाइट विश्वविद्यालय के ही सर्वर और IP एड्रेस से चल रही थी। कुलगुरु ने मामले की गहन तकनीकी जांच की बात कही है।
सर्वर से मैनेज हो रही थी संगठनों की वेबसाइट
बताया जा रहा है कि DAVV की इंटरनेट सेवा और वेबसाइट ज्यादातर ठप रहती थी, जिससे छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। अब सामने आया है कि इसी दौरान यूनिवर्सिटी का सर्वर किसी वामपंथी संगठन की वेबसाइट चलाने में उपयोग हो रहा था। इस इन संगठनों ने सर्वर का दुरुपयोग कर वेबसाइट (Server misuse) संचालित की। एआइयूईसी की वेबसाइट भी डीएवीवी के सर्वर से चलती थी।
कैसे हुआ मामले में खुलासा?
दरअसल, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya University Indore) में चले कर्मचारियों के आंदोलन में वामपंथी संगठनों का कनेक्शन सामने आया था। इसके विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़े फेरबदल करते हुए कर्मचारियों को हटाया था। इस बीच यूनिवर्सिटी के आईटी सेंटर के कुछ अधिकारी भी छुट्टी पर चले गए। इन्हीं के माध्यम से विश्वविद्यालय के आंतरिक सिस्टम में सेंध लगाए जाने की आशंका जताई जा रही है।
IT विभाग की भूमिका पर सवाल
विवि प्रशासन को सूचना मिली थी देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सर्वर से कोलकाता में स्थित एआइयूईसी (एटक) की वेबसाइट चल रही है। विवि और संगठन की वेबसाइट एक बी सर्वर भी एक ही रहा। मामले के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय का IT सेंटर भी जांच के घेरे में आ गया है। कई अधिकारी छुट्टी पर हैं और अब प्रशासन इनके छुट्टी पर जाने के पीछे की वजहों की भी जांच करवा रहा है।
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लंबी निष्क्रियता बनी संदेह का कारण
DAVV की वेबसाइट महीनों तक निष्क्रिय रही थी। इससे पहले भी ऐसी खबरें आई थीं कि विदेशी हैकर्स ने सर्वर को टारगेट किया था। इस नए मामले से आशंका है कि विश्वविद्यालय का सर्वर लंबे समय से असुरक्षित था और शायद अन्य वेबसाइट्स भी इससे चलाई गई हों।
कुछ तकनीकी विशेषज्ञों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से IP एड्रेस ट्रेस किया, जिससे यह साबित हो गया कि AIUEC की वेबसाइट DAVV के सर्वर से ही ऑपरेट की जा रही थी। इसके बाद जब मामला विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने आया, तो कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई ने इस पर संज्ञान लिया।
विश्वविद्यालय प्रशासन का बयान
मामले में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राकेश सिंघई का कहना है कि “विश्वविद्यालय का अपना सर्वर है और बाहरी संगठनों का इसका उपयोग करना बहुत ही गंभीर मामला है। हम इसकी गहन तकनीकी जांच कराएंगे और यदि कोई विश्वविद्यालय से जुड़ा व्यक्ति दोषी पाया गया, तो उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
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