Devendra Yadav: भिलाई नगर के विधायक देवेंद्र यादव को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार वर्मा की अदालत ने बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद देवेंद्र यादव की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
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सीजेएम कोर्ट में वीसी के जरिए हुई थी सुनवाई
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह याचिका खारिज की। इससे पहले, 17 सितंबर को उनकी रिमांड खत्म होने पर सीजेएम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई थी, जहां अदालत ने 30 सितंबर तक देवेंद्र यादव की रिमांड बढ़ा दी है।
बलौदाबाजार हिंसा मामले में आरोपी हैं देवेंद्र
गुरु बाबा घासीदास की तपोभूमि गिरौदपुरी में सतनाम समाज के आस्था के केंद्र अमर गुफा में असामाजिक तत्वों ने जमकर उत्पात मचाया था। जैतखाम में हुई तोड़फोड़ की घटना से आक्रोशित समाज के लोगों ने सीबीआई जांच की मांग की थी। पुलिस ने इस मामले में संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लिया है।
देवेंद्र यादव पर हिंसा भड़काने का आरोप
राज्य सरकार ने पहले ही जैतखंभ तोड़फोड़ की घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए थे। इस घटना के बाद बलौदाबाजार में हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे। इस मामले में विधायक देवेंद्र यादव समेत सैकड़ों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, और अब तक विधायक यादव की न्यायिक रिमांड 5 बार बढ़ाई जा चुकी है।
विधायक देवेंद्र यादव पर हिंसा भड़काने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था।
पुलिस कोर्ट में दे रही ये तर्क
17 अगस्त को भिलाई से गिरफ्तारी के बाद से विधायक देवेंद्र यादव की न्यायिक रिमांड लगातार बढ़ाई जा रही है। वर्तमान में वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस का कहना है कि विधायक का मोबाइल जमा नहीं होने के कारण केस की प्रगति में देरी हो रही है।
इस पर देवेंद्र यादव के वकील ने बताया कि मोबाइल पहले ही जमा किया जा चुका था, और पुलिस ने इसे डीवीआर कॉपी करने के बाद वापस लौटा दिया था।
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