नई दिल्ली। वॉट्सऐप अपने एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड कॉल को लेकर काफी मशहूर है। दुनियाभर में मैसेज भेजने और बात करने के लिए इसे सबसे सुगम ऐप माना जाता है। कंपनी का दावा है कि मैसेज का आदान-प्रदान करने वाला ही जानता है कि उनके बीच क्या हुआ है। इस बातचीत से कंपनी का कोई लेना-देना नहीं होता है। हालांकि, फिर भी कई बार वॉट्सऐप चैट लीक हो जाते हैं। आर्यन खान का मामला हो या रिया चक्रवर्ती का। दोनों ही मामलों में आपने देखा होगा कि वॉट्सऐप चैट लीक हो गई थी। ऐसे में साफ है कि एक ऐसा बैक डोर मौजूद है जिसके जरिए वॉट्सऐप को हैक किया जा सकता है। आइए जानते हैं क्या है वो तरीका जिसके जरिए वॉट्सऐप चैट लीक होते हैं।
होता क्या है एन्क्रिप्शन
वॉट्सऐप चैट कैसे लिक होते हैं उससे पहले हम ये जान लेते हैं कि ये एन्क्रिप्शन होता क्या है? दरअसल, वॉट्सऐप अपने उपयोगकर्ताओं को हमेशा सुनिश्चित कराता रहा है कि उसकी सेवाओं का इस्तेमाल करके भेजी जाने वाली तस्वीर, वीडियो, संदेश, डॉक्यूमेंट और कॉल पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। उनका किसी भी गलत हाथ में जाने का सवाल नहीं खड़ा होता है, क्योंकि वो इसकी सुरक्षा के लिए एंड टू एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करते हैं।
कंपनी ने एंड टू एंड को परिभाषित करते हुए कहा है कि संचार के तौर पर एंड टू एंड एन्क्रिप्शन संदेश भेजने वाले की डिवाईस और उसे प्राप्त करने वाले की डिवाइस से एन्क्रिप्टेड रहता है। इसका मतलब ये हुआ कि कोई भी थर्ड पार्टी (अन्य व्यक्ति) चाहे फिर वो वॉट्सऐप या उसकी कंपनी फैसबुक ही क्यों ना हो, कोई भी दोनों की बीच में हस्तक्षेप नहीं कर सकते है। वॉट्सऐप के मुताबिक बातचीत का जो प्रवाह रहता है उसके लिए सिग्नल एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है। इसे आप एक सुरक्षित ताले की तरह मान सकते हैं। जिसकी चाभी सिर्फ संदेश भेजने वाले और उसे प्राप्त करने वाले के पास होती है। इस तकनीक को 2013 में ओपन व्हिसपर सिस्टम ने विकसित किया था।
कैसे लीक होते हैं चैट
अब सवाल ये उठता है कि जब ये इतना सिक्योर है तो चैट्स कैसे लीक हो जाते हैं। बतादें कि इस चैट लीक में आमतौर पर बातचीत के स्क्रीनशॉट लीक होते हैं। जिसे प्राप्तकर्ता या किसी और के जरिए साझा किया जाता है। वॉट्सऐप ने इसे अपनी निजता नीति के उपशीर्षक जिसे थर्ड पार्टी इन्फोर्मेशन भी कहा जाता है। उसमें बताया है कि कोई भी उपयोगकर्ता आपके संदेश या बातचीत का स्क्रीनशॉट ले सकता है, या आपके कॉल की रिकॉर्डिंग कर सकता है और इसे वॉट्सऐप के जरिये साझा कर सकता या किसी दूसरे प्लेटफार्म पर पोस्ट कर सकता है। ये एक आसान तरीका है जिसे कोई भी कर सकता है। लेकिन एक तरीका और है जिसे हर कोई नहीं कर सकता। आइए जानते हैं क्या है वो तरीका।
क्लोनिंग करके ऐसा किया जा सकता है
बतादें कि एक तकनीक के सहारे किसी के भी निजी वॉट्सऐप चैट तक पहुंचा जा सकता है। ऐसा फोन की क्लोनिंग करके किया जा सकता है, जैसा कि नाम से ही जाहिर है, इस माध्यम में किसी भी फोन की हुबहू नकल तैयार करके यानी उसकी क्लोनिंग करके उस फोन में मौजूद तमाम सामग्री को कॉपी किया जा सकता है। फिर फोन में गुप्त रूप से एक स्पायवेयर भी डाला (इन्स्टॉल) जा सकता है, जिसके माध्यम कथित फोन से जुड़ी तमाम गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा सकती है। इस मामले में पैगासन स्पायवेयर को काफी कारगर माना जाता है। इसे इजराइली कंपनी ने विकसित किया है। हालांकि ये एक महंगा सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल हर कोई नहीं कर सकता। कंपनी भी इस सॉफ्टवेयर को हर किसी के साथ साझा नहीं करती।
थर्ड पार्टी के यहां से हैक होते हैं चैट्स
लेकिन एक और आसान तरीका है जिसके जरिए WhatsApp बातचीत को एक्सेस किया जा सकता है। मालूम हो कि वॉट्सऐप में आप क्लाउड स्टोरेज और संदेशों का बैकअप नहीं रख सकते। ऐसे में आप थर्ड पार्टी का सहारा लेते हैं। जैसे-गूगल ड्राइव या आइ क्लाउड। जैसे ही आप अपना बैकअप थर्ड पार्टी के पास रखते है। आपके द्वारा किए चैट्स का एन्क्रिप्टेड खत्म हो जाता है। यही से आसान तरीके से स्टोरेज को हैक किया जाता है। हालांकि, वॉट्सएप जल्द ही एक और सुरक्षा की परत जोड़ने जा रही है जो गूगल ड्राइव या आई क्लाउड को बैकअप के तौर पर चुनने वाले लोगों को एंड टू एंड एन्क्रिप्शन का विकल्प प्रदान करेगा।
WhatsApp इस तरीके को निजता का हनन मानता है
इस मुद्दे को लेकर कानून प्रवर्तन एजेंसियो और वॉट्सऐप के बीच लगातार खींचतान चलती रहती है। एक तरफ जहां एंजेसियों का कहना है कि इससे मामलों की जांच में आसानी होती है और अपराध पर वक्त रहते लगाम लगाई जा सकती है और उसे नियंत्रित किया जा सकता है, वहीं वॉट्सऐप का मानना है कि यह उपयोगकर्ताओं की निजता और सुरक्षा के साथ समझौता होगा।