नई दिल्ली। Deputy CM Sisodia Big CBI Raid इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर CBI के अधिकारी छापेमारी के लिए पहुंचे।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया का बयान सामने
आपको बताते चलें कि, CBI रेड पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बड़ा बयान सामने आया है जहां पर CBI आ गई है। हम ईमानदार हैं, लाखों बच्चों के भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। दुर्भाग्य है कि इस देश में जो अच्छा काम करता है, उसे ऐसे ही परेशान किया जाता है, इसलिए हमारा देश अभी भी नंबर-1 नहीं है।
CBI आ गई है। हम ईमानदार हैं, लाखों बच्चों के भविष्य का निर्माण कर रहे हैं। दुर्भाग्य है कि इस देश में जो अच्छा काम करता है, उसे ऐसे ही परेशान किया जाता है, इसलिए हमारा देश अभी भी नंबर-1 नहीं है: CBI रेड पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया pic.twitter.com/eV6hQuqKsr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 19, 2022
सीएम केजरीवाल ने किया सीबीआई का स्वागत
आपको बताते चलें कि, सीएम केजरीवाल ने इस बड़ी कार्रवाई पर कहा कि, CBI का स्वागत है। हम पूरा सहयोग देंगे। पहले भी कई तलाशी और छापे हुए, लेकिन कुछ नहीं मिला। अब भी कुछ नहीं मिलेगा।
CBI का स्वागत है। हम पूरा सहयोग देंगे। पहले भी कई तलाशी और छापे हुए, लेकिन कुछ नहीं मिला। अब भी कुछ नहीं मिलेगा: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल https://t.co/NbQNCWiW7A pic.twitter.com/l2QfCup6Re
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 19, 2022
7 राज्यों में 21 ठिकानों पर बड़ी रेड
आबकारी नीति मामले में दिल्ली समेत 7 राज्यों में 21 जगहों पर तलाशी की जा रही है। मनीष सिसोदिया समेत 4 लोकसेवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है: CBI अधिकारी
इस मामले मं फंसे सिसोदिया
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी। उन्होंने बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, निविदा के बाद ‘‘शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित लाभ’’ पहुंचाने के लिए ‘‘जानबूझकर और सकल प्रक्रियात्मक चूक’’ की गई।