Dengue Precaution Tips: नवम्बर का महीना उत्तर भारत में आ चुका है हल्की सर्दी ने दस्तक दे दी है. इस महीने के पहले सप्ताह से ही अस्पताल में अधिकतर मरीज डेंगू के आ रहे हैं. सबसे चिंता वाली बात यह है कि डेंगू के शॉक सिन्ड्रॉम के मरीज काफी आ रहे हैं.
परेशानी की बात यह है कि इस तरह के मरीज यदि समय से अस्पताल नहीं पहुंचे तो बचने की गुंजाइश कम होती है.
क्या है शॉक सिन्ड्रॉम
डेंगू के तीन मुख्य रुप होते हैं, मसलन पहला डेंगू फीवर इसमें मरीज को तेज बुखार आता है और कुछ शारिरिक परेशानियों के बाद मरीज जल्द ही ठीक हो जाता है.डेंगू फीवर से डेंगू हेमरेजिक फीवर भी आता है. यह डेंगू का दूसरा खतरनाक रुप है.उन्होंने कहा कि डेंगू का तीसरा और सबसे खतरनाक डेंगू शॉक सिन्ड्रॉम है जिसमें मरीज की हालत बहुत जल्द खराब हो जाती है.
क्या लक्षण है शॉक सिन्ड्रॉम का
डेंगू के मरीज को यदि तेज बुखार के साथ साथ तेज कंपकंपी औऱ पसीना आने लगे तो यह पहला प्राथमिक लक्षण शॉक सिन्ड्रॉम का माना जाता है. शॉक सिन्ड्रॉम के दूसरे लक्षणों में शरीर पर लाल चकते आना भी शामिल है.यह चकता डेंगू फीवर से इतर और गहरा होता है,और थोड़े समय के साथ इसमें खुजली होने लगती है नब्ज गिरती चली जाती है और मरीज की चेतना भी खत्म होने लगती है.
यदि मरीज को हो जाए शॉक सिन्ड्रॉम
यदि किसी मरीज को शॉक सिन्ड्रॉम हो जाता है तो यह एक गंभीर अवस्था होती है. इसमें सीवियर प्लाज्मा लीकेज औऱ सीवियर ब्लीडिंग होने लगती है.मरीज ऐसी अवस्था में तुरंत वेंटिलेटर पर चला जाता है. कई केस में कार्डिएक अरेस्ट होता है और मरीज की मौत तत्काल प्रभाव से हो जाती है.
पांच साल बाद लौटा है यह सिन्ड्रॉम
जहां तक शॉक सिन्ड्रॉम की बात है तो यह पांच वर्ष बाद लौटा है. यदि बात पिछले कुछ वर्षों की करें तो साधारण डेंगू फीवर औऱ डेंगू हेमरेजिक फीवर के केस देखने को मिले थे. इस बार परेशानी इस बात की है कि डेंगू का सबसे खतरनाक वेरिएंट के अचानक से केस देखने को मिल रहे हैं. जिसमें मौत अधिक हो रही है.
प्रदूषण का डबल शॉक
एक तरफ मरीज डेंगू से परेशान हैं तो दूसरी तरफ दिल्ली में प्रदूषण के स्तर ने आबोहवा को जानलेवा बना दिया है. पीएम पार्टिकल के महीन कण लंग्स से निकलकर ब्लड में चले जाते हैं. पहले से डेंगू जैसे खतरनाक बीमारी से ग्रसित मरीज कोमार्बिड कंडीशन में चला जाता है. जहां से निकलना काफी मुश्किल हो जाता है.
मच्छर से बचाव ही सबसे बड़ा उपाय
डेंगू से बचने का सबसे आसान तरीका है कि मच्छर से खुद को कैसै बचाया जाए. खासतौर पर फूल स्लीव कपडे का उपयोग किया जाए. रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग किया जाए. घऱों में पानी को नहीं जमने दिया जाए.इसके साथ ही खाने में तरल पदार्थ का उपयोग किया जाए.
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