Chhattisgarh Teacher Recruitment News: छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ के जिलाध्यक्ष मितेश सार्वा ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी है, जबकि लाखों युवा डीएड और बीएड की पढ़ाई पूरी कर शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल हो चुके हैं, फिर भी वे बेरोजगार हैं। उनके शिक्षक बनने का सपना अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसे लेकर आज यानी 21 सितंबर को रायपुर में महाआंदोलन किया जाएगा।
विधानसभा चुनाव में हो चुकी हैं घोषणाएं
विधानसभा में भी शिक्षक भर्ती की घोषणाएं की जा चुकी हैं। भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में 57,000 और 33,000 शिक्षकों की भर्ती का उल्लेख किया गया था, और पूर्व शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी विधानसभा में शिक्षक भर्ती की घोषणा की थी। लेकिन आज तक जमीनी स्तर पर कोई ठोस पहल देखने को नहीं मिली है। सरकार की इसी उदासीनता के कारण प्रदेश के डीएड और बीएड प्रशिक्षित युवा राजधानी में महाआंदोलन करने पर मजबूर हैं।
आज करेंगे मुख्यमंत्री निवास का घेराव
छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ के बैनर तले 5 सितंबर, शिक्षक दिवस के दिन प्रदेश के हर जिले में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें सरकार को दस दिवसीय अल्टिमेटम दिया गया था। हालांकि, सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब 21 सितंबर को संघ द्वारा शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा। इस संबंध में श्रवण साहू ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से प्रदेश के सभी डीएड-बीएड प्रशिक्षितों को आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है।
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ये लोग होंगे शामिल (Chhattisgarh Teacher Recruitment News)
जिले के सैकड़ों प्रशिक्षित युवा प्रदेश स्तरीय आंदोलन में भाग लेने के लिए राजधानी पहुंचेंगे। इस आंदोलन में पूरे प्रदेश से डीएड और बीएड प्रशिक्षित युवक-युवतियां शामिल होंगे। बेमेतरा जिले से दीनबंधु साहू (जिलाध्यक्ष), कैलाश साहू (उपाध्यक्ष), सुखदेव (उपाध्यक्ष), प्रदीप पाठक (सचिव), दिलेश्वर वर्मा (कोषाध्यक्ष), तारण साहू (संयोजक), डाकवर साहू, हेमराज साहू, संतोष अंचल, राजकुमार (नवागढ़), लोकेंद्र कुमार, परमेश्वर पटेल, जगराखन मंडावी, वेदप्रकाश जायसवाल, नोहर साहू, नरेंद्र साहू, और छोटू राम साहू जैसे कई युवा इस आंदोलन में सम्मिलित होंगे।
छात्र-छात्राओं ने किया प्रदार्शन
विद्यार्थी भी इस मुद्दे पर मैदान में उतरने के लिए मजबूर हो गए हैं। शिक्षासत्र 2024-25 की त्रैमासिक परीक्षा शुरू होने को है, लेकिन कई स्कूलों में अभी भी पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे विद्यार्थियों को उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही है। हाल ही में राजनांदगांव, बिलासपुर, बेमेतरा और अन्य जिलों में छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, लेकिन सरकार की ओर से इस विषय में कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
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