कोलकाता, 15 जनवरी (भाषा) उद्योग मंडल इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए कर्ज पर अधिक ब्याज छूट या सहायता की मांग की है। आईसीसी का कहना है कि इससे देश में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा।
आईसीसी का मुख्यालय कोलकाता में है। अपनी बजट मांग में आईसीसी ने कर दरों को कम कर व्यक्तिगत कराधान का सरलीकरण करने का आग्रह भी सरकार से किया है। चैंबर का कहना है कि इससे अनुपालन बेहतर हो सकेगा।
आईसीसी के अध्यक्ष विकास अग्रवाल ने कहा, ‘‘दो प्रतिशत की ब्याज सहायता से भारतीय एमएसएमई को काफी मदद मिली है। हमारा प्रस्ताव है कि इसका विस्तार किया जाए और दायरा बढ़ाया जाए। हम सरकार से ब्याज सहायता को बढ़ाकर 3-4 प्रतिशत यानी तीन करोड़ रुपये तक करने का आग्रह कर रहे हैं। अभी यह एक करोड़ रुपये तक है।’‘’
उन्होंने कहा कि इन उपक्रमों के लिए ब्याज सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य उन्हें जीएसटी नेटवर्क पर लाना है। इस छूट से एमएसएमई इकाइयों को अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत लाने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने व्यक्तिगत कर की सीमा में कटौती की भी मांग की। अग्रवाल ने कहा कि निवासी करदाताओं के लिए लाभांश कर की सीमा को भी 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया जाना चाहिए।
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अजय मनोहर
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