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नई दिल्ली। महापौर चुनाव से पहले दिल्ली नगर निगम के लिए दस ‘एल्डरमेन’ मनोनीत किए गए हैं। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना से मिली। ‘एल्डरमेन’ उन लोगों को कहा जाता है जो अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ होते हैं। हालांकि, महापौर चुनाव में उनके पास मतदान का अधिकार नहीं होता है।
पहली बार आहूत किया जाएगा निगम सदन
चार दिसंबर के निकाय चुनावों के बाद शुक्रवार को पहली बार निगम सदन आहूत किया जाएगा जब सभी नवनिर्वाचित पार्षद शपथ लेंगे और महापौर एवं उप महापौर चुने जाएंगे।दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी करके कहा कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा 10 सदस्यों को नामित किया गया है।अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 (1957 की 66) की धारा 3 की उप-धारा (3) के खंड (बी) के उप-खंड (आई) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल 2022-2027 की अवधि के लिए दिल्ली नगर निगम में प्रतिनिधित्व करने के लिए निम्नलिखित व्यक्तियों को मनोनीत करते हैं।’’
2012 के बाद पहली बार आया अस्तित्व में
2012 के बाद पहली बार एकीकृत नगर निगम अस्तित्व में आएगा। 1958 में अस्तित्व में आये पूर्ववर्ती एकीकृत दिल्ली नगर निगम को 2012 में तीन भागों में बांट दिया गया था। हालांकि पिछले मई में इसे पुन: एकीकृत कर दिया गया। एक नया परिसीमन किया गया था, जिसके बाद दिसंबर में चुनाव हुए थे।इस चुनाव में आप ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की, जिससे नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 साल के शासन का अंत हो गया। दिसंबर में हुए चुनाव में 250 सदस्यीय सदन में भाजपा ने 104 वार्डों में जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने नौ सीटें जीतीं।
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