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हाइलाइट्स
निजी मंदिर में पूजा के अधिकार से जुड़ा है मामला
अपीलकर्ता ने हनुमान जी को ही बना दिया वादी
मामले में हाई कोर्ट ने सुनाया ये ऐतिहासिक फैसला
Lord Hanuman in Court: बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार और परेश रावल की 28 सितंबर 2012 को रिलीज हुई OMG (Oh My God) movie तो आपको याद ही होगी।
मूवी में भूकंप के कारण दुकान गिर जाने पर परेश रावल भगवान पर केस कर देता है।
कुछ इससे मिलता जुलता मामला हकीकत में भी कोर्ट की चौखट पर पहुंचा।
हालांकि इस केस में भगवान को मूवी की तरह रिस्पोंडेंट न बनाकर पक्षकार (अपीलकर्ता) बनाया गया। इसके बाद कोर्ट ने क्या किया...ये पढ़ने लायक है।
निजी मंदिर का विवाद और पक्षकार हनुमान जी
लोग अपने निहित स्वार्थ को पूरा करने के लिए जो करे सो कम ही है।
देश की राजधानी दिल्ली में एक ऐसा ही मामला सामने आया।
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फोटो प्रतिकात्मक[/caption]
जहां निजी मंदिर के विवाद में संकटमोचन हनुमान को ही पक्षकार यानी वादी (Hanuman Ji was Made a Party in Court) बना दिया गया।
मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के जस्टिस सी हरि शंकर के बेंच में हुई।
सबसे पहले मामला समझ लीजिए
दिल्ली के सूरज मलिक की निजी जमीन पर मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में भगवान संकटमोचन हनुमान, भगवान शिव जी, श्री राम दरबार, देवी दुर्गा माता जी, भगवान किशन जी विराजमान है।
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फोटो प्रतिकात्मक[/caption]
इस मंदिर में सामान्य लोग भी पूजा करने आते हैं। याचिका में आरोप लगाया गया कि सूरज मलिक द्वारा आम व्यक्ति के पूजा अर्चना पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका अपीलकर्ता 1 अंकित मिश्रा द्वारा लगाई गई। मिश्रा ने इस मामले में हनुमान जी को भी अपीलकर्ता (Lord Hanuman in Court) बना दिया।
हाईकोर्ट ने ये निकाला निष्कर्ष
हाईकोर्ट ने कहा कि निजी मंदिर में जनता द्वारा केवल पूजा-अर्चना करने से यह सार्वजनिक मंदिर नहीं बन जाता।
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इसलिए आपत्ति याचिका में किए गए दावे वर्तमान मामले में विवादित मंदिर के सार्वजनिक मंदिर होने का प्रथम दृष्टया मामला भी नहीं बनाते।
जस्टिस शंकर ने निष्कर्ष निकाला कि अंकित मिश्रा का यह दावा कि वे भगवान हनुमान (Lord Hanuman in Court) का बचाव करने के हकदार हैं, विचार के लिए नहीं बचा।
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हनुमान जी द्वारा राशि शेयर करने का अनुरोध भी खारिज
अपीलकर्ता अंकित मिश्रा ने पेनाल्टी से बचने के लिए यह तर्क दिया कि लागत भगवान हनुमान (Lord Hanuman in Court) द्वारा साझा की जानी थी।
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इस पर कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि लागत पूरी तरह से उनके यानी अंकित मिश्रा द्वारा ही देय होगी।
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याचिकाकर्ता पर लगाया 1 लाख का जुर्माना
अदालत ने अंकित मिश्रा की अपील (Lord Hanuman in Court) को तुरंत खारिज कर दिया और उसे सूरज मलिक को लागत का भुगतान करने का निर्देश दिया।
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फोटो प्रतिकात्मक[/caption]
दिल्ली हाई कोर्ट ने अंकित मिश्रा पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
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