Delhi Heat Wave Alert: देश में इन दिनों जहां पर भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है वहीं पर कहीं-कहीं बदलते मौसम के साथ बारिश का मौसम बन रहा है। इस बीच ही जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण बड़ा अध्ययन सामने आया है जिसके चलते सामने आया है कि, देश का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा और पूरी दिल्ली (Delhi) लू के प्रभावों के ‘खतरे के क्षेत्र’ में है। जिसके चलते लोगों को गर्मी के थपेड़ों का सामना करना पड़ रहा है।
जानिए कहां का है अध्ययन
आपको बताते चलें कि, यह अध्ययन कैंब्रिज विश्वविद्यालय में रमित देबनाथ और उनके सहयोगियों द्वारा किया गया है. अध्ययन में कहा गया है कि ‘लू’ ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की दिशा में भारत की प्रगति को पहले की तुलना में ज्यादा बाधित किया है। इसके चलते ही यहां पर कहा गया है कि दिल्ली भी लू के प्रभाव के खतरे के क्षेत्र में है। बताया जा रहा है कि, यह स्टडी भारत में 2022 के गर्मी सुचकांक और 2020 के जलवायु संवेदनशीलता सुचकांक के आंकड़ो के आधार पर किया है. आंकड़ो के आधार पर जलवायु संवेदनशीलता की बात करें तो इसमें देश का 20 फीसदी क्षेत्र है. वहीं हीट इंडेक्स में देश का 90 फीसदी हिस्सा खतरे के क्षेत्र है. इसमें बंगाल को छोड़कर सारा का सारा पूर्वी क्षेत्र, उत्तर और मध्य भारत के सभी राज्य शामिल हैं। जिसके चलते निष्कर्ष सामने आया है कि, इतना आंकड़ा भीषण गर्मी का है तो इससे बचने के लिए लोगों को एहतियात बरतने चाहिए।
जानिए क्या होती है हीटवेव
आपको बताते चलें कि, मौसम विभाग के अनुसार गर्मी के मौसम में हीटवेव का खतरा ज्यादा रहता है यहां पर माना गया है कि, देश के मैदानी इलाकों, तटीय क्षेत्रों और पर्वतीय इलाकों में जब अधिकतम तापमान 40, 37 और 30 डिग्री पहुंचता है तो हिट वेव जैसै हालात पैदा होते हैं। यहां पर हीट वेव की बात कर ली जाए तो हीट वेव में तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है। इसके चलते माना जा सकता है हीटवेव अपने खतरनाक प्रभाव पर चल रही है।