Manish Sisodia Bail Plea: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार 11 जुलाई को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई।
मनीष केस की सुनवाई कर रहे जज ने खुद को किया अलग: टली सिसोदिया की जमानत याचिका, जानें क्या है पूरा मामला#manishsisodiya #SupremeCourt #DelhiNews #AapParty
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आपको बता दें सिसोदिया करीब 16 महीने से जेल में बंद हैं और जमानत के लिए कई बार कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं और कई बार अर्जी लगा चुके हैं।
आज यानी 11 जुलाई को इस मामले ने बड़ा ही दिलचस्प मोड़ आया है दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई कर रहे जज ने खुद को इस केस से अलग कर लिया है
जस्टिस संजय कुमार ने किया खुद को केस से अलग
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय कुमार ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम के खिलाफ शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के केस में मुकदमा दर्ज किया गया है।
सिसोदिया ने इस केस में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना, संजय करोल और संजय कुमार को करनी थी, लेकिन कुमार ने खुद को इससे अलग कर लिया। अब संजय कुमार सिसोदिया के केस की सुनवाई नहीं करेंगें।
सिसोदिया के वकील ने की थी तत्काल सुनवाई की मांग
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि मनीष सिसोदिया की याचिका पर एक अन्य पीठ सुनवाई करेगी, जिसका जस्टिस संजय कुमार हिस्सा नहीं होंगे।
अदालत में मामले की सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस खन्ना ने कहा, “हमारे भाई को कुछ परेशानी है। वह निजी कारणों से इस मामले को नहीं सुनना चाहते हैं।”
इस पर आम आदमी पार्टी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से गुजारिश की कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई की जाए। इस मामले को ज्यादा नहीं छोड़ना चाहिए।
अब 15 जुलाई को होगी जमानत याचिका पर सुनवाई
सिसोदिया के खिलाफ ईडी और सीबीआई दोनों ने शराब नीति मामले में केस दर्ज किया है। इसके बारे में बताते हुए सिंघवी ने कहा कि दोनों ही मामलों में अभी तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ है।
इस पर जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक अन्य पीठ 15 जुलाई को जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी।
इस कारण अब मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सोमवार यानी 15 जुलाई को सुनवाई होनी है।
मनीष सिसोदिया की पिछले साल हुई गिरफ्तारी
4 जून को, सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के संबंध में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें दो केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच किए गए मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
आप नेता ने उच्च न्यायालय में एक निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके द्वारा उसने 2021-22 के लिए अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और निष्पादन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
पिछले साल 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में उन्हें ज़मानत देने से इनकार कर दिया था,
जिसमें कहा गया था कि थोक शराब डीलरों को 338 करोड़ रुपये के “अप्रत्याशित लाभ” के आरोप को सबूतों द्वारा “अस्थायी रूप से समर्थित” किया गया था।
मनीष सिसोदिया को शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ़्तार किया था।
ईडी ने उन्हें 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से उपजे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ़्तार किया।
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