नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक ‘प्रीमियम बस एग्रीगेटर’ योजना को मंजूरी प्रदान की, जिसके परिणामस्वरूप दिल्लीवासी जल्द ही अब अपने स्मार्टफोन के माध्यम से वातानुकूलित लक्जरी बस में सीट बुक कर सकेंगे।
केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में ये कहा
केजरीवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि फाइल को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के पास भेजा गया है। उन्होंने कहा, ”यह योजना उपराज्यपाल द्वारा मंजूरी मिलने के 90 दिनों के भीतर लागू की जाएगी।” उन्होंने दावा किया कि प्रीमियम बस एग्रीगेटर योजना शुरू करने वाला दिल्ली देश का पहला शहर होगा।
कई सुविधा है उपलब्ध
केजरीवाल ने कहा, ‘‘जब दिल्ली में मेट्रो ट्रेन सेवा शुरू हुई तो बहुत से लोगों ने स्कूटर का उपयोग बंद कर दिया और मेट्रो से यात्रा करने लगे, लेकिन जब मेट्रो में भीड़ बढ़ी तो वे फिर अपने वाहनों का उपयोग करने लगे हैं। निम्न मध्यम वर्ग के लोग बस में यात्रा करते हैं, लेकिन इस योजना (प्रीमियम बस सेवा) से उच्च मध्यम वर्ग के लोग भी सार्वजनिक परिवहन का विकल्प चुनेंगे।’’
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लाइसेंस प्राप्त करने वाली कंपनी (एग्रीगेटर्स) को कम से कम नौ सीट वाली वातानुकूलित बसें चलानी होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘बस में खड़े होकर यात्रा करने की अनुमति नहीं रहेगी और भुगतान डिजिटल रूप से किया जाएगा। एग्रीगेटर को अपने बेड़े में कम से कम 25 बसें रखनी होंगी।
एक जनवरी 2025 से बेड़े में शामिल सभी बसें इलेक्ट्रिक होनी चाहिए।’’ केजरीवाल ने कहा कि इन बसों के मार्ग मांग के आधार पर तय किए जाएंगे और संबंधित कंपनी को इस बारे में परिवहन विभाग को सूचित करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘इनका किराया डायनमिक (उपलब्ध सीटों की संख्या कम होने के साथ ही किराए में वृद्धि) होगा और दिल्ली परिवहन विभाग (डीटीसी) की वातानुकूलित बस के अधिकतम किराये से कम नहीं होगा।’
क्या है प्रीमियम बस एग्रीगेटर स्कीम?
प्रीमियम बस सेवा योजना के तहत प्रीमियम लग्जरी बस के एग्रीगेटर को लाइसेंस दिया जाएगा। एक एग्रीगेटर को कम से कम 25 लग्जरी बस रखना होगा। सभी बसें एसी सुविधा वाली होंगी। सभी बसें 9 सीट्स से ज्यादा वाली होंगी। बस में स्टैंडिंग फॉर्म में सफर करने की इजाजत नहीं होगी। सीट्स डिजिटल मोड में मिलेंगी और पेमेंट भी डिजिटल मोड में ही होंगी। बसें जीपीएस और वाईफाई से युक्त होगी। तय समय से चलेगी और तय समय से पहुंचेगी।
रूट और किराया मार्केट से होगा तय
CNG बस 3 साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। 1 जनवरी 2025 के बाद सिर्फ इलेक्ट्रिक बस ही इस योजना के तहत लगाई जा सकेगी। इलेक्ट्रिक बस के लिए लाइसेंस फीस नहीं लगेगी। ताकि इलेक्ट्रिक बस को राजधानी में बढ़ावा मिले। बस का रूट सरकार तय नहीं करेगी, बल्कि बाजार तय करेगा। सरकार को केवल सूचना देनी होगी। किराया भी मार्किट तय करेगा, लेकिन DTC से ज्यादा होगा ताकि DTC से कम्पटीशन नहीं हो।
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