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हाइलाइट्स
- जूते में छिपा TATP से धमाका
- 20 लाख की फंडिंग का खुलासा
- NIA ने आमिर को रिमांड पर लिया
Delhi Blast Update: दिल्ली ब्लास्ट की जांच एक चौंकाने वाले मोड़ पर पहुंच गई है। एजेंसियों ने पुष्टि की है कि हमला आम तरीके से नहीं, बल्कि शू बॉम्ब तकनीक से किया गया था। आरोपी आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद ने अपने जूते में छिपाए गए TATP विस्फोटक का इस्तेमाल किया। फोरेंसिक टीम को कार की ड्राइविंग सीट के नीचे से जो जूता मिला, उसने पूरी कहानी बदल दी। उसी जूते और फ्रंट टायर से TATP के ट्रेसेस बरामद हुए हैं।
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07:35 PM
दिल्ली ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 15 हुई
दिल्ली ब्लास्ट में मृतकों का आंकड़ा सोमवार (17 नवंबर) को बढ़कर 15 हो गया। आज दो और घायलों की मौत हो गई, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। आज जिन लोगों की मृत्यु हुई, उनमें लुकमान (50) और विनय पाठक (50) शामिल हैं।
07:05 PM
उमर नबी का सहयोगी जासिर बिलाल वाणी गिरफ्तार
दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक और प्रमुख गिरफ्तारी की है। एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से जासिर बिलाल वाणी उर्फ दानिश को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी डॉ. उमर नबी का मुख्य सहयोगी है। जासिर, अनंतनाग के काजीकुंड का रहने वाला है और दिल्ली ब्लास्ट की प्लानिंग में डॉ. उमर के साथ सक्रिय रूप से शामिल था। NIA के अनुसार, जासिर पर ड्रोन मॉडिफिकेशन करने और रॉकेट बनाने की कोशिश करने का भी गंभीर आरोप है।
05:00 PM
अल-फलाह यूनिवर्सिटी का पोर्टल फिर शुरू
फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी का पोर्टल तीन दिन के बाद सोमवार (17 नवंबर) से दोबारा शुरू हो गया है। यूनिवर्सिटी तब सुर्खियों में आई जब यह पता चला कि दिल्ली ब्लास्ट में शामिल एक डॉक्टर इसी यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था। इस मामले की जांच के दौरान, यूनिवर्सिटी के चांसलर के भाई को भी पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है।
04:00 PM
दिल्ली ब्लास्ट केस: फरीदाबाद में 2000 कश्मीरी छात्रों से पूछताछ, अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर शिकंजा
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन पर हुए धमाके में 13 लोगों की मौत के बाद जांच एजेंसियों ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। फरीदाबाद पुलिस ने शहर में किराए पर रह रहे 2000 से अधिक कश्मीरी छात्रों और अन्य किराएदारों से पूछताछ की है। जांच अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंची है, जहां हथियार, विस्फोटक और अमोनियम नाइट्रेट मिलने के बाद एजेंसियों ने इंटर-स्टेट कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार (17 नवंबर) को क्राइम ब्रांच टीम ने दोबारा कैंपस पहुंचकर ब्लास्ट मॉड्यूल से जुड़े सुराग खंगाले।
उमर ने जूते का इस्तेमाल विस्फोटक ट्रिगर की तरह किया
जांच से साफ है कि यह ब्लास्ट अचानक किया गया कदम नहीं था, बल्कि लंबे समय से तैयार की गई योजना का हिस्सा था। वहीं इस हादसे में जिस कार का इस्तेमाल किया गया वो आमिर राशिद अली के नाम पर रजिस्टर थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आमिर को 10 दिन की NIA रिमांड पर भेज दिया।
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NIA ने बताया कि कार चला रहा डा. उमर सुसाइड बॉम्बर था। यह पहली बार है, जब किसी सुरक्षा एजेंसी ने ऑफिशियल तौर पर इसकी पुष्टि की है।
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आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद[/caption]
जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उमर मोहम्मद ने अपने जूते को विस्फोटक ट्रिगर की तरह इस्तेमाल किया। इस जूते में मेटल जैसा पदार्थ लगा था, जो ब्लास्ट के समय एक्टिव हुआ। लाल किले के पास हुए धमाके के बाद जब कार सीज की गई, तो सुरक्षा टीम को ड्राइविंग सीट के नीचे का जूता बेहद संदिग्ध लगा। फोरेंसिक जांच में खुलासा हुआ कि उसी जूते से TATP के कण मिले, जो इस बात का संकेत है कि ब्लास्ट इसी ट्रिगर से सक्रिय हुआ।
यह पैटर्न 2001 के कुख्यात रिचर्ड रीड शू बॉम्ब मामले जैसा है, जब एक आतंकी ने पेरिस से मियामी जा रही फ्लाइट में जूते में छिपाए TATP विस्फोटक से धमाका करने की कोशिश की थी। दिल्ली ब्लास्ट में भी वही तकनीक अपनाई गई, जिससे एजेंसियों को समझ आ रहा है कि मॉड्यूल कितना प्रशिक्षित और संगठित था।
आतंकी बड़ी मात्रा में TATP इकट्ठा कर चुके थे!
फोरेंसिक टीम ने टायर, जूते और कार की पिछली सीट के नीचे से भी विस्फोटक के निशान बरामद किए हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि आतंकी बड़ी मात्रा में TATP इकट्ठा कर चुके थे और अमोनियम नाइट्रेट के साथ इसका मिश्रण तैयार किया गया था। TATP यानी Triacetone Triperoxide बेहद संवेदनशील और खतरनाक विस्फोटक है, जो हल्के झटके या गर्मी से भी फट सकता है। इसे आतंकी मदर ऑफ सैटेन भी कहते हैं, क्योंकि इसे बनाने वाला भी इसकी चपेट में आ सकता है।
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शाहीन ने मॉड्यूल को दी 20 लाख की फंडिंग
जांच में एक और अहम खुलासा हुआ है। गिरफ्तार लेडी डॉक्टर शाहीन ने मॉड्यूल को करीब 20 लाख रुपए उपलब्ध करवाए थे। इन पैसों का इस्तेमाल कार, विस्फोटक और लॉजिस्टिक्स में किया गया। एजेंसियों का मानना है कि शाहीन सिर्फ फंडिंग ही नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क को जोड़ने का अहम माध्यम थी। NIA अब यह पता लगाने में जुटी है कि पैसा किस स्रोत से आया और कौन-कौन इससे जुड़े थे।
कार मालिक आमिर 10 दिन की NIA रिमांड पर
इस पूरी साजिश में जिस कार का इस्तेमाल हुआ, वह आमिर राशिद अली के नाम पर रजिस्टर्ड थी। NIA ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने आमिर को 10 दिन की NIA रिमांड पर भेज दिया। एजेंसी का दावा है कि आमिर ने आतंकी उमर उल नबी को कार दिलाने में मदद की, जिसे बाद में विस्फोटक फिट करने के लिए इस्तेमाल किया गया। जिस दिन धमाका हुआ, कार लाल किले के पास खड़ी थी और उसी में TATP एक्टिवेट हुआ।
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आमिर राशिद अली को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 16 नवंबर को दिल्ली से गिरफ्तार किया[/caption]
TATP क्या है
TATP का फुल फॉर्म ट्राएसीटोन ट्राइपेरऑक्साइड (Triacetone Triperoxide) है, जिसे दुनिया के सबसे खतरनाक और बेहद अस्थिर (Unstable) विस्फोटकों में से एक माना जाता है। आतंकवादी इसे प्रमुखता से इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसे एसीटोन, हाइड्रोजन पेरऑक्साइड और एसिड जैसे आसानी से उपलब्ध होने वाले घरेलू केमिकल्स का उपयोग करके बनाया जा सकता है। यह विस्फोटक वजन में बहुत हल्का होता है, फिर भी इतना ताकतवर धमाका करता है कि भारी नुकसान पहुँचा सकता है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसमें धातु (Metal) का इस्तेमाल नहीं होता, जिसके कारण इसे एयरपोर्ट स्कैनर और मेटल डिटेक्टर जैसे सुरक्षा उपकरणों से पहचानना मुश्किल हो जाता है।
TATP की सबसे भयावह विशेषता इसकी अत्यधिक संवेदनशीलता है। यह मामूली झटके, रगड़ या थोड़ी सी गर्मी से भी फट सकता है। इसी जानलेवा अस्थिरता के कारण इसे आतंकी दुनिया में 'Mother of Satan' यानी ‘शैतान की मां’ भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल कई बड़े आतंकी हमलों में हुआ है, जिनमें 2005 का लंदन ब्लास्ट और 2016 का ब्रसेल्स एयरपोर्ट अटैक शामिल हैं और अक्सर ISIS जैसे आतंकी संगठनों द्वारा इसका उपयोग किया जाता रहा है।
Bilaspur Train Accident Update: बिलासपुर ट्रेन हादसे में रेलवे का एक्शन, सीनियर DOP को पद से हटाया, लंबी छुट्टी पर भेजा
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बिलासपुर में गतौरा–लालखदान सेक्शन में 4 नवंबर को हुए रेल हादसे में 13 लोगों की मौत के बाद अब रेलवे प्रशासन सख्त मोड में आ गया है। हादसे को लेकर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। प्रारंभिक जांच में लापरवाही सामने आने पर रेलवे ने सीनियर DOP वरिष्ठ विद्युत अभियंता (ऑपरेशनल) मसूद आलम को पद से हटाकर लंबी छुट्टी (फोर्स लीव) पर भेज दिया है। यह कार्रवाई साइको पास न होने पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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