नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के आसमान में छाई जहरीली धुंध की चादर बुधवार को घनी हो गई और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच हवा की गुणवत्ता एक बार फिर ‘‘गंभीर’’ श्रेणी के करीब पहुंच गई। दिल्ली में बुधवार को सुबह आठ बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 392 दर्ज किया गया।
जाने किन इलाकों कितना है AQI
शहर में हर रोज शाम को चार बजे रिकॉर्ड किया जाने वाला 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 397, सोमवार को 358 और रविवार को 218 था। आईटीओ (एक्यूआई 427), आरके पुरम (422), पंजाबी बाग (432), इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (404), द्वारका (416), पटपड़गंज (417), सोनिया विहार (413), रोहिणी (421), नेहरू नगर (434) और आनंद विहार (430) सहित शहर के कई स्थानों पर बुधवार को वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी (एक्यूआई 400 से ऊपर) में प्रवेश कर गया।
पड़ोसी गाजियाबाद (एक्यूआई 362), गुरुग्राम (322), ग्रेटर नोएडा (312), नोएडा (364) और फरीदाबाद (369) में भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर ‘अत्यधिक गंभीर’ माना जाता है।
दिल्ली है दुनिया में सबसे प्रदूषित
वायु गुणवत्ता की निगरानी में विशेषज्ञता रखने वाली स्विस कंपनी आईक्यूएयर के मुताबिक, मंगलवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली पहले स्थान पर, ढाका दूसरे, लाहौर तीसरे और मुंबई चौथे स्थान पर थी।
प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों के योगदान की पहचान करने के लिए पुणे स्थित भारतीय ऊष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित एक प्रणाली के अनुसार, मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में पराली जलाने की घटनाओं की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत थी। बुधवार को इसके 14 फीसदी और बृहस्पतिवार को छह फीसदी रहने का अनुमान है।
अगले आदेश तक जारी रहेगा आदेश
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना का अंतिम चरण, जिसे क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) कहते हैं, अगले आदेश तक जारी रहेगा।
इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सहित कड़े कदम उठाए गए हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘पराली जलाने की घटनाएं फिर से बढ़ रही हैं और मौसम संबंधी परिस्थितियां (प्रदूषकों के बिखराव के लिए) अनुकूल नहीं हैं। हम स्थिति की समीक्षा करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।’’
10 सिगरेट पीने जितना हानिकारक
डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली की दूषित हवा में सांस लेना एक दिन में लगभग 10 सिगरेट पीने के हानिकारक प्रभावों के बराबर है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक उच्च स्तर के प्रदूषण के संपर्क में रहने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी श्वांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और हृदयरोगों का खतरा भी बढ़ सकता है।
Delhi News, Delhi Air Quality, Delhi Pollution, Greater Noida