नई दिल्ली। दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में मंगलवार को धुंध छाई रही और लगातार चौथे दिन राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।पुणे स्थित भारतीय ऊष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित एक संख्यात्मक मॉडल-आधारित प्रणाली के अनुसार, वर्तमान में शहर की खराब वायु गुणवत्ता में वाहन उत्सर्जन (11 प्रतिशत से 15 प्रतिशत) और पराली जलाने (सात प्रतिशत से 15 प्रतिशत) का सबसे ज्यादा योगदान है।
जानिए कितना रहा अब तक का प्रतिशत
इससे यह भी पता चलता है कि राजधानी के प्रदूषण में उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के प्रदूषक तत्वों की हिस्सेदारी 14 फीसदी है।शहर का औसत एक्यूआई सुबह 10 बजे 350 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक एक्यूआई है। 24 घंटे का औसत एक्यूआई सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261, बृहस्पतिवार को 256, बुधवार को 243 और मंगलवार को 220 दर्ज किया गया था।
रोहिणी (410) और मुंडका (433) में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच गई।पड़ोसी गाजियाबाद में एक्यूआई 232, फरीदाबाद में 313, गुरुग्राम में 233, नोएडा में 313 और ग्रेटर नोएडा में 356 दर्ज किया गया।एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रहने के आसार
रात के समय हवा की गति धीमी होने और तापमान में गिरावट के कारण शनिवार को शहर की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई।दिल्ली के लिए केंद्र की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, हवा की गुणवत्ता कुछ और दिन तक बहुत खराब रहने के आसार हैं।
राजधानी की वायु गुणवत्ता अक्टूबर 2023 में पिछले दो वर्षों की तुलना में सबसे खराब रही है और मौसम विज्ञानियों का मानना है कि बारिश की कमी इसका मुख्य कारण है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केन्द्र से मांग की है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इलाकों में खराब गुणवत्ता वाले डीजल से संचालित हो रही बसों पर प्रतिबंध लगाया जाये।
#WATCH | Overall Air Quality Index (AQI) in Delhi stands at 322, in the 'Very Poor' category as per SAFAR-India.
(Visuals from areas around India Gate, Kartavya Path and Lodhi Road) pic.twitter.com/FXBnJxLdlL
— ANI (@ANI) October 30, 2023
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने जारी किए निर्देश
केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, एक नवंबर से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों और कस्बों के बीच केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस6-श्रेणी की अनुपालना वाली डीजल बसों को ही संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।
प्रदूषण के स्तर को कम करने की कोशिश के तहत केंद्र ने अप्रैल 2020 में घोषणा की थी कि भारत में बेचे जाने वाले सभी वाहनों को भारत स्टेज-6 (बीएस6) उत्सर्जन मानकों के अनुरूप होना चाहिए।
डीपीसीसी ने विश्लेषण में कही बात
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक विश्लेषण के अनुसार, राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, क्योंकि इस समय पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले बढ़ जाते हैं।वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सोमवार को कहा कि 15 सितंबर से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में क्रमश: 56 प्रतिशत और 40 प्रतिशत की कमी आई है।
आयोग ने कहा कि 15 सितंबर से 29 अक्टूबर के बीच की अवधि में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान और उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में खेत में आग के मामले 2022 में 13,964 की तुलना में 2023 में 6,391 दर्ज किये गये।
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