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मंडला। मध्यप्रदेश के मंडला जिले के कान्हा टाइगर रिज़र्व में 15 साल की एक बाघिन की मौत हो गई। यह जानकारी एक वन अधिकारी ने दी। कान्हा बाघ नेशनल पार्क के क्षेत्र संचालक एस.के. सिंह ने बताया कि 17 जून को कान्हा बाघ अभयारण्य के परसा टोला क्षेत्र में स्थित कान्हा रेंज में गश्त करते दल को बाघिन टी-14 का अवशेष मिला। उसकी उम्र लगभग 15 वर्ष हो चुकी थी।
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उन्होंने कहा कि अवशेष का परीक्षण करने पर ज्ञात हुआ कि इस बाघिन की मृत्यु प्राकृतिक है। सिंह ने बताया कि अवशेष का बारीकी से परीक्षण करने पर उसमें किसी भी तरह के चोट अथवा जख्म के निशान नहीं मिले। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई परिस्थितियां भी नहीं दिखीं जिससे कहा जा सके कि इस बाघिन का किसी अन्य बाघ अथवा बाघिन के साथ कोई संघर्ष हुआ हो।
रेंजर्स के मुताबिक मौत का कारण प्राकृतिक है
रेंजर्स के मुताबिक मौत का कारण प्राकृतिक है। माना जा रहा है कि बाघिन उम्रदराज थी, इस वजह से उसकी मौत हो गई। परसाटोला बीट के कन्हारी रेंज की यह घटना है। कुछ दिन पहले नौरादेही अभ्यारण में बाघ किशन की टेरिटरी की लड़ाई के बाद मौत हो गई है। 4 दिन पहले अभ्यारण में बाघ किशन और बाहर से आए बाघ N3 के बीच टेरेटरी को लेकर संघर्ष हुआ था जिसमें बाघ किशन जख्मी हो गया था, उसके चेहरे और जबड़े के पास घाव के निशान थे।
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पन्ना से आई डॉक्टर की टीम और रहली के वेटनरी डॉक्टर की टीम ने 3 दिनों तक किशन का इलाज किया। इलाज के बाद बाघ के स्वास्थ्य में सुधार भी आ रहा था लेकिन वन विभाग की पेट्रोलिंग टीम ने नौरादेही रेंज की बामनेर नदी के किनारे N2 को देखा तो वह मृत पाया गया था। फिर इसकी सूचना वन विभाग के सीनियर अधिकारियों को दी गई।
चीते के भी शावकों की हुई थी मौत
बता दें कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला के शावकों की मौत हो गई थी। वन विभाग ने दो शावकों की मौत की वजह एमपी में पड़ रही भीषण गर्मी को बताया था। इससे पहले भी एक शावक की मौत हो गई थी। ज्वाला के चार शावकों में से तीन की मौत हो चुकी है। अब केवल एक शावक जिंदा है।
गर्मी की वजह से गई जान
कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था। लेकिन सभी बच्चे गर्मी की वजह से कम वजन और डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए। प्रमुख वन संरक्षक जेएस चौहान ने शावकों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मादा चीता के बच्चों की हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। लेकिन दिन का तापमान 46 से 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। इस वजह से बच्चे झुलस गए।
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