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हाथियों की मौत: कांग्रेस का आरोप, जहर देकर मारा, कमलनाथ ने की CBI जांच की मांग, दिल्ली की टीम ढूंढ रही मौत की वजह

Death Of Elephants In Bandhavgarh: उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के मामले में कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है।

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Rahul Garhwal
Death Of Elephants In Bandhavgarh Congress attacks BJP government hindi news

Death Of Elephants In Bandhavgarh: उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के मामले में कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने CBI जांच की मांग की है। PCC चीफ जीतू पटवारी का आरोप है कि हाथियों को जहर देकर मारा गया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रिसॉर्ट संचालकों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।

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दिल्ली की टीम कर रही जांच

बांधवगढ़ में दिल्ली से आई टीम हाथियों की मौत की वजहों की तलाश कर रही है। इस घटना की बारीकी से जांच की जा रही है। ये जांच टीम राज्य सरकार की टीम से अलग है।

4 दिन से जांच जारी

हाथियों की मौत की खबर के बाद, केंद्र सरकार ने दूसरे दिन वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) नई दिल्ली से मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई है। इस जांच टीम में पांच अधिकारी शामिल हैं, जो जॉइंट डायरेक्टर डॉ. कृपाशंकर के नेतृत्व में बांधवगढ़ पहुंचे हैं। पिछले पांच दिनों से इस टीम के चार सदस्य बांधवगढ़ में रहकर जांच कर रहे हैं। यह टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या हाथियों को जहर देकर मारा गया है।

कमलनाथ का निशाना

https://twitter.com/OfficeOfKNath/status/1853710315449352520

पूर्व सीएम कमलनाथ ने X पर लिखा कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मृत्यु को करीब एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन दोषियों को पकड़ना तो दूर मध्यप्रदेश सरकार अब तक हाथियों की मृत्यु के कारण को भी स्पष्ट नहीं कर सकी है। यह अत्यंत चिंता का विषय है।

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कमलनाथ ने आगे कहा कि एक तरफ तो वन्य जीवों का जीवन खतरे में है, दूसरी तरफ यह भी दिखाई देता है कि मध्यप्रदेश का वन विभाग, वन्य प्राणियों की रक्षा करने में पूरी तरह असमर्थ है। प्रदेश की जांच एजेंसियां या तो पूरी तरह अकर्मण्य हैं या फिर उनके पास इतनी सुविधा ही नहीं है कि वे हाथियों की मृत्यु की उचित जांच कर सकें।

PCC चीफ जीतू पटवारी का आरोप

jitu patwari

PCC चीफ जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि हाथियों को जहर दिया गया। मौत का कोई अभियुक्त है, तो वो सरकार और वन विभाग है। ये तो पता चली मौतें हैं, हाथियों की इसके अलावा भी और मौत होती रहती हैं, जो पता नहीं चलती। वन्यजीवों को लेकर सरकार सिर्फ बजट पास करती है और उसका करप्शन करती है।

जीतू पटवारी ने मांगा वन मंत्री का इस्तीफा

जीतू पटवारी ने कहा कि इसमें वन मंत्री का भी इस्तीफा ले लो, रामनिवास रावत को भी जिम्मेदार ठहरा दो। वो उधर चुनाव में व्यस्त हैं, इधर हाथियों की हत्या हो रही है। भारतीय जनता पार्टी का जो पाखंड है, इसे जनता समझे। अगर ये इस्तीफा नहीं लेंगे तो विजयपुर की जनता और कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता उनको पद से हटा देगा। विधायक ही नहीं रहेंगे, तब तो हटाएंगे कि नहीं हटाएंगे।

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जीतू पटवारी ने आगे कहा कि मोहन यादव से मेरा आग्रह है कि आप वन मंत्री का इस्तीफा लो, क्योंकि हाथियों की हत्या हुई है। या हम इनको चुनाव में 13 तारीख को वोट डाल के 23 तारीख को हटा देंगे।

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उमंग सिंघार ने क्या कहा ?

https://twitter.com/UmangSinghar/status/1853408569569530234

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि हाथियों की मौत क्यों हुई। वहां पर आसपास जितने रिसोर्ट हैं, मुझे ऐसी जानकारी मिली कि रिसोर्ट के जो मालिक हैं, ये लोग नहीं चाहते कि वहां पर हाथी रहें। अगर कोदो-कुटकी खाने से मौत होती तो वहां आदिवासियों के गाय, बैल और बकरी भी खाते और मरते। सिर्फ हाथी क्यों मरे। मुख्यमंत्री तो गणपति जी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वह कौन से भगवान पर ध्यान दे रहे हैं, यह मुख्यमंत्री बताएं, मुख्यमंत्री जी मौन हैं।

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सिंघार ने आगे कहा कि बांधवगढ़ क्षेत्र में रिसोर्ट संचालकों की जानकारी मिली है कि उनको हाथियों के कारण नुकसान होता है, उनकी फेंसिंग को भी नुकसान होता है। यह बड़ी साजिश है, किस-किस के वहां पर रिसोर्ट हैं, कौन बीजेपी से जुड़ा है, उस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।

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उमरिया में 22 भैंस बीमार

उमरिया के लखनौटी और रोहनिया गांव में कोदो की फसल खाने से 22 भैंस बीमार हो गईं। इसी इलाके में 10 हाथियों की मौत हुई थी। आशंका जताई गई थी हाथियों की मौत कोदो-कुटकी की फसल खाने से हुई है। इसके बाद वन विभाग ने फसल नष्ट करा दी थी। कोदो के सैंपल लिए गए हैं।

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