Kolkata: कलकत्ता हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें मच्छर के काटने से हुई मौत पर दुर्घटना बीमा की मांग की गई थी। बता दें कि हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि इलाज के दौरान डेंगू से हुई मौत के बाद बीमा के तौर पर मुआवजा की राशि दी जाए। मृतक की माँ द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि मच्छर के काटने से हुई मौत एक “दुर्घटना” नहीं है और इसलिए ‘दुर्घटना’ बीमा के तहत बीमा योग्य नहीं है।
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न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की एकल-न्यायाधीश पीठ ने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, “मौत निस्संदेह दुखद है, हालांकि, बीमा पॉलिसी और इस विषय पर मिसालें मच्छर के काटने से होने वाली किसी भी बीमारी को दुर्घटना के रूप में व्याख्या करने की अनुमति नहीं देती हैं।”
बता दें कि याचिकाकर्ता चयन मुखर्जी की मां हैं। वह भारतीय सेना में कार्यरत थे। घुटने की चोट की वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद उन्हें 16 नवंबर, 2021 को कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान चयन मुखर्जी के शरीर में अंतिम चरण के गुर्दे की बीमारी का पता चला था।
वहीं, 12 दिसंबर, 2021 को चयन को तेज बुखार होता है। जब उनका टेस्ट किया गया तो वह डेंगू से पीड़ित पाए गए। गंभीर समस्याओं के कारण उनकी मौत हो गई थी। उधर उनकी मां ने अपने बेटे की मौत के बाद यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के पास बीमा का दावा दायर किया। कंपनी ने इस आधार पर दावे से इनकार कर दिया कि मृत्यु का कारण “गैर-दुर्घटना” था और इसलिए इसे पॉलिसी के तहत कवर नहीं किया जाएगा।
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वहीं मामले को लेकर चयन मुखर्जी की मां हाई कोर्ट पहुंची। मामले में कोर्ट ने दुर्घटना बीमा पॉलिसी के शब्दों की समीक्षा की और नोट किया कि यह साफ तौर पर साँप के काटने, गंभीर कोटि की बीमारी और हाई पल्मोनरी एडिमा को कवर करती है, लेकिन इसमें अन्य प्रकार के कीड़ों के काटने को शामिल नहीं किया गया है। जिसके बाद कोर्ट ने तमाम टिप्पणियों के बाद याचिका खारिज कर दी।