दमोह। मध्य प्रदेश की लोकायुक्त पुलिस ने दमोह जिले के नगर परिषद तेंदुखेडा के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) प्रकाशचंद पाठक एवं लेखापाल जितेंद्र श्रीवास्तव को एक ठेकेदार से रोड़ निर्माण के बिल का भुगतान करने के एवज में कथित रूप से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए मंगलवार को गिरफ्तार किया। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक (सागर) रामेश्वर सिंह यादव ने बताया कि भगवान लाल बरेडिया की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस, सागर की टीम ने जाल बिछाया और पाठक एवं श्रीवास्तव को उनके कार्यालय में एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए मंगलवार को रंगे हाथों पकड़ा। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता के द्वारा नगर परिषद तेंदुखेडा क्षेत्र में नाली निर्माण एवं सीसी रोड निर्माण के बिल का भुगतान करने के एवज में इन दोनों ने यह रिश्वत मांगी थी। यादव ने बताया कि इस संबंध में इन दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और विस्तृत जांच जारी है।
लगातार पकड़े जा रहे रिश्वतखोर
बता दें कि प्रदेश में लोकायुक्त विभाग की कार्रवाई जारी है। बीते दिनों से प्रदेश के कई जिलों में रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है। वहीं कई रिश्वतखोर अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। हाल ही में कई जिलों में अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ा गया है। बीते दिनों जबलपुर में पटवारी को पुलिस ने 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था। इससे पहले भी कई रिश्वतखोर अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की जा चुकी है।